रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिलों में किसानों को खरीफ सीजन में खाद संकट का सामना करना पड़ रहा है। सहकारी बैंक द्वारा मार्कफेड की 10 करोड़ रुपये की राशि नहीं लौटाए जाने से खाद वितरण पर असर पड़ा है। यूरिया और डीएपी की डिमांड भेजी गई है, लेकिन रैक लोडिंग में देरी किसानों की मुश्किलें बढ़ा रही है।
By: Star News
Jul 09, 20251 hour ago
मार्कफेड ने खाद देने से खड़े किए हाथ
रीवा, स्टार समाचार वेब
खरीफ की बोनी शुरू हो जाने के बाद किसानों के लिए बीज एवं उर्वरक की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में जब कृषि विभाग में बीज की कमी हो एवं समितियों से किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद न मिले तब किसान बाजार पर निर्भर हो जाते हैं। यही स्थिति जिले के अन्नदाताओं की है जिन्हें पर्याप्त मात्रा में न तो खाद ही उपलब्ध हो रही है और न ही गुणवत्तापूर्ण बीज ही मिल रहे हैं।
समितियों को पर्याप्त मात्रा में खाद देने का दायित्व मार्कफेड का है। आलम यह है कि भण्डारण से लेकर अब तक मार्कफेड द्वारा दी गई खाद की राशि केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा नहीं लौटाई गई है। ऐसी स्थिति में खाद देने से मार्कफेड ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।
खाद खरीदने मार्कफेड लेता है लोन
किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिल सके इसके लिए मार्कफेड एक निश्चित राशि बैंक से ऋण के रूप में लेती है जिसे खाद कंपनियों को एडवांस में भुगतान कर रैक मंगानी पड़ती है। भण्डारण से लेकर अब तक सहकारी समितियों को मार्कफेड ने यूरिया, डीएपी, एनपीके सहित खाद तो उपलब्ध करा दी है परंतु उनकी राशि अभी तक मार्कफेड को नहीं लौटाई गई है। ऐसी स्थिति में खाद कंपनियों को पैसा भुगतान कर रैक उठाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सिंगरौली में यूरिया की 3, डीएपी की लग चुकी 2 रैक
किसानों को खरीफ की बोनी के लिए खाद की दिक्कत न हो इसके लिए मार्कफेड द्वारा भेजी गई डिमांड के बाद सिंगरौली के लिए यूरिया की तीन रैक लगाई गई है जिसमें से दो का डिस्पैच चालू हो गया है। वहीं एक रैक बरगवां में एक से दो दिन में लगने की संभावना बताई गई है। इतना ही नहीं बरगवां में डीएपी की दो रैक 2550 टन लग चुकी है जो बुधवार को उपलब्ध हो जाएगा।
रीवा-सतना के लिए भेजी डिमांड
राज्य सहकारी विपणन संघ ने रीवा एवं सतना के लिए यूरिया एवं डीएपी के लिए डिमांड भेजी है। विभागीय सूत्रों द्वारा मिली जानकारी में बताया गया है कि एक सप्ताह के अंदर रीवा-सतना के लिए यूरिया, डीएपी की भेजी गई डिमांड के बाद रैक भी लग जाएगी। हालांकि मार्कफेड के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा सेवा सहकारी समितियों में भेजी गई खाद की राशि भेजने को भी कहा गया है।
केन्द्रीय सहकारी बैंक पर बकाया
नोट:- अग्रिम भण्डारण सहित अब तक की बकाया राशि।