रीवा कलेक्ट्रेट की बहुमूल्य 9 करोड़ की ज़मीन को केवल ₹500 के स्टाम्प पर 15 साल की लीज़ पर इंडियन कॉफी हाउस को दे दिया गया। एग्रीमेंट को पूरी तरह गोपनीय रखते हुए गवाह के रूप में चपरासी से साइन कराए गए। क्या यह प्रशासनिक चूक है या साज़िश? जानिए इस ज़मीन सौदे का पूरा पर्दाफाश।
By: Yogesh Patel
Aug 04, 2025just now
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
कलेक्ट्रेट की बेसकीमती जमीन इंडियन काफी हाउस को दिए जाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। सिर्फ 500 के स्टाम्प में 15 साल का लीज एग्रीमेंट किया गया है। हद तो यह है कि इस बात को गोपनीय रखने के लिए कलेक्टर के चपरासी से गवाह में साइन कराए गए। यह लीज एग्रीमेंट भी नजूल एसडीएम ने किया है।
आपको बता दें कि रीवा कलेक्ट्रेट में बस स्टैण्ड के कोने की जमीन कौड़ियों के दाम पर इंडियन काफी हाउस को दे दी गई। नवंबर वर्ष 2023 में कलेक्ट्रेट रीवा और आईसीडब्लूसीएस के बीच में एक एग्रीमेंट किया गया था। इस एग्रीमेंट को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। अब जिला प्रशासन और इंडियन काफी हाउस की पकाई गई खिचड़ी सामने आने लगी है। करीब 9 करोड़ की बेसकीमती जमीन 5 हजार रुपए के मंथली किराए पर दे दी गई है। इसका एग्रीमेंट भी 500 रुपए के स्टाम्प में कराया गया। एग्रीमेंट में अनुबंध के नियम और शर्ते ऐसी रखी गईं हैं जो रीवा वालों के हित में बिल्कुल नहीं है। इससे कलेक्ट्रेट में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का भी लेना देना नहीं है। कलेक्ट्रेट के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी भ्रमित किया जा रहा है। एग्रीमेंट हैरान करने वाला है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस एग्रीमेंट को इस तरह से गुपचुप तरीके से कराया गया कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। अनुविभागीय अधिकारी ने एग्रीमेंट कराया और गवाहन कलेक्टर कोर्ट का चपरासी और स्थापना बाबू बने। अब गवाह के कद और पद से इसकी गोपनीयता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
15 साल तक नहीं छोड़ेगा इंडियन काफी हाउस जमीन
एग्रीमेंट में साफ तौर लिखा गया है कि इंडियन काफी हाउस को कलेक्टर रीवा ने 15 साल के लिए जमीन दे रही हैं। जमीन का कुल क्षेत्रफल 3 हजार स्क्वेयर फीट है। इसके लिए इंडियन काफी हाउस हर महीने एग्रीमेंट के हिसाब से सिर्फ न 5 हजार रुपए किराया देगा। इसके अलावा वह अपने हिसाब से ही खाने पीने की चीजों के रेट और मेन्यू तय कर सकेगा। किराया में हर साल सिर्फ 5 फीसदी का इंक्रीमेंट किया जा सकेगा। यानि एक साल में किराया के रूप में सिर्फ और सिर्फ 250 रुपए ही बढ़ पाएंगे। इससे जमीन की कीमत और उससे मिलने वाले फायदे का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सिर्फ कलेक्ट्रेट में होने वाले आयोजनों में मिलेगी 30 फीसदी छूट
कलेक्ट्रेट में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी यदि इस भ्रम में हैं कि यह इंडियन काफी हाउस उनके लिए खोला गया है तो वह गलतफहमी में हैं। एग्रीमेंट में इस तरह का कहीं भी जिक्र नहीं है कि कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों, अधिाकारियों को छूट दी जाएगी। 30 फीसदी छूट मेनू में शामिल भोज्य पदार्थों में छूट तो मिलेगी लेकिन वह सिर्फ कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रमों में ही दी जाएगी।
एग्रीमेंट में सारी शर्तें इंडियन कॉफी हाउस के हिसाब से ही रखी गई हैं
जिला प्रशासन ने जो एग्रीमेंट इंडियन काफी हाउस में किया है। वह सब कुछ इंडियन काफी हाउस में फायदा पहुंचाने जैसा ही है। उसमें सारे बिंदु इंडियन काफी हाउस के पक्ष में लिखे गए हैं। उसे सारी स्वतंत्रता दी गई है। इस एग्रीमेंट में रीवा की पब्लिक को फायदा देने जैसा कोई भी पक्ष नहीं रखा गया है। सरकारी जमीन रीवा की दे दी गई लेकिन यहां की जनता को कोई फायदा नहीं दिया गया। एग्रीमेंट में इंडियन काफी हाउस को जनता से जीएसटी तक अतिरिक्त वसूलने की छूट दी गई है।