सतना जिले में 200 से अधिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम। सरकार मर्जर की तैयारी में, ब्लाकवार सूची तैयार। शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत उजागर।
By: Yogesh Patel
Dec 09, 20258:59 PM
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
किताब..कॉपी..गणवेश..साइकिल..स्कूटी...ये सब सरकार विद्यार्थियों को दे रही है। इसके बाद भी विद्यार्थियों के लिए विद्यालय राह ताक कर खडेÞ हैं। इनकी सूनसान इमारत जमाने से विद्यार्थियों की क..ख..ग..घ..और ए..बी..सी..डी सुनने को तरस गई हैं।
फिलहाल फरमान तो नहीं आया लेकिन ‘ माननीय’ ने कह दिया है कि ऐसी स्कूलों का यह ‘मर्ज’ दूर करेंगे। वह तरीका भी बताया है। तरीका है ‘ मर्जर’ । इसकी खबर लगते ही अफसर एक्सरसाइज में लग गए हैं। सतना जिला में ऐसे दो सैकड़ा विद्यालय हैं जिनके विद्यार्थी आप अंगुलियों में गिन सकते हैं। यही विद्यालय है जो मर्जर की जद में हैं।
जिला के पांच ब्लाकों में एक सैकड़ा विद्यालयों की विद्यार्थी संख्या एक से दस तक है। इसमें प्राथमिक और माध्यमिक दोनो ही तरह के विद्यालय शामिल है। सर्वाधिक संख्या प्राथमिक विद्यालयों की है। जिला शिक्षा केन्द्र ने जो एक्सरसाइज की है उससे निकले आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक के 201 और माध्यमिक स्तर के 5 विद्यालय मर्जर की श्रेणी में आ रहे हैं। ब्लाक वार देखें तो सर्वाधिक 68 विद्यालय नागौद ब्लाक के हैं। इसके बाद रामपुर बाघेलान के 51, सोहावल के 42, मझगवां के 29 और उचेहरा के 22 विद्यालय है इस सूची में शामिल किए गए हैं।
क्यों शुरू हुई एक्सरसाइज
विधानसभा सत्र के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने विधायक अमर सिंह यादव के सवाल के जवाब में कहा कि उन स्कूलों को मर्ज कर दिया जाएगा जिनका नामांकन 10 से कम है। ऐसी सभी स्कूल पास के ही बडेÞ स्कूल में मर्ज होंगी। स्कूल शिक्षा मंत्री के विधानसभा सवाल के जवाब में मर्जर की बात कहे जाने के बाद स्थानीय स्तर पर विभागीयों ने पड़ताल शुरू कर दी है।
तीन सैकड़ा में 20 से कम
10 तक की संख्या वाले विद्यालयों के आगे भी जिला शिक्षा केन्द्र ने एक्सरसाइज की है जिसमें ऐसी स्कूल निकल कर आई है कि 20 तक का भी नामांकन मिला है। इस स्तर में पर तीन सैकड़ा विद्यालय है जिनका नामांकन 11 से 20 के बीच है। इस मामले में भी प्राथमिक विद्यालयों की संख्या ज्यादा है जबकि माध्यमिक दो दर्जन ही हैं। जिला शिक्षा केन्द्र के बताए गए आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक के 348 और माध्यमिक के 25 विद्यालय मर्जर की जद में आ सकते हैं। मजेदार बात तो यह है कि प्रशासनिक नाक के नीचे के ब्लाक सोहावल में ऐसे विद्यालयों की संख्या ज्यादा है। यहां 83 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें 11-20 विद्यार्थी संख्या है।
ऐसे विद्यालयों को पूर्व में भी चिन्हित किया जा चुका है फिलहाल ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। हालांकि नामांकन चिंता जनक है जिस पर विमर्श किया जा रहा है।
विष्णु कुमार त्रिपाठी, जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान