सिरमौर जलविद्युत परियोजना (टीएचपी) की दो यूनिटें जनवरी और फरवरी से बंद रहीं, जिससे शासन को लगभग 500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। वर्तमान में एक यूनिट अभी भी बंद है। यूनिट नंबर 3 का जनरेटर तीन साल में फिर से खराब हो गया है और इसका वायब्रेशन बंद नहीं हो रहा।
By: Yogesh Patel
Jul 29, 20257 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
सात माह से बंद हुई टीएचपी की दो यूनिट फिलहाल शुरू हो गई हैं जबकि एक अभी भी बंद पड़ी हुई है। बंद यूनिटों से शासन को 500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। खास बात यह है कि सिरमौर टीएचपी में बिजली बनाने के लिए लगाई गई तीन यूनिटें डेढ़ वर्ष तक बंद हुई थीं जिनसे करोड़ों का नुकसान हुआ था। यूनिट नंबर-3 का जनरेटर दगा दे गया और वायब्रेशन बंद ही नहीं हुआ, जिसे ओवरहॉलिंग में डाल दिया गया है। एक रनिंग में आ गई है लेकिन तीन नंबर यूनिट अभी भी बंद पड़ी है।
आपको बता दे कि सिरमौर में 105 मेगावाट की पानी से बिजली बनाने वाली तीन यूनिटें स्थापित हैं। यह यूनिट बारिश में सालों से एक साथ रन ही नहीं कर पाई। कोई न कोई यूनिट ठप ही रहती है। वर्तमान समय में भी एक यूनिट खुली हुई है। इसका सुधार और मेंटीनेंस चल रहा है। 15 दिन पहले बंद यूनिटों की संख्या दो थी। एक यूनिट सुधरने के बाद चालू हो गई। वर्तमान समय में दो चल रही हैं लेकिन यूनिटों के बंद होने से शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान समय में जो यूनिट खराब है। वह तीन साल पहले भी बंद हुई थी। तब यह यूनिट करीब डेढ़ साल तक बंद रही। तब भी करोड़ों का नुकसान शासन को उठाना पड़ा था।
तीन साल भी नहीं चल पाई यूनिट नंबर-3
आपको बता दे कि तीन साल पहले भी यूनिट नंबर 3 बंद पड़ गई थी। इसके जनरेटर में खराबी आ गई थी। इसे तब भी पूरा खोला गया था। नए सिरे से सुधार कार्य किया गया था। यह यूनिट एक बार बनी थी। ट्रायल के बाद रनिंग में डाला गया था। फिर यह यूनिट ठप हो गई थी। दोबारा से खोलकर यूनिट नंबर 3 को सुधारा गया था। इस दौरान जनरेटर में खराबी सामने आई थी। भेल के इंजीनियरों ने सुधार कार्य किया था। तब भी जनरेटर का वायब्रेशन खत्म नहीं हुआ था। हालांकि आवाज हल्की थी। इंजीनियरों ने कहा था कि जब वायब्रेश की आवाज बढ़ेगी तब इसे दोबारा सुधारना पड़ेगा। तीन साल यह यूनिट चली लेकिन आवाज बंद नहीं हुई। आवाज बढ़ने पर जनवरी में इसे दोबारा खोल दिया गया। फिलहाल इसकी ओव्हर हॉलिंग का काम जारी है।
हर दिन 24 लाख यूनिट का नुकसान
टीएचपी सिरमौर में तीन यूनिट लगी हैं। एक यूनिट यदि फुल स्पीड में चलती है तो इससे एक दिन में करीब 24 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। अब ऐसे में शासन को होने वाले घाटे का अनुमान लगा सकते हैं। यदि एक यूनिट की कीमत चार रुपए भी जोड़ें तो यह नुकसान एक यूनिट से एक दिन का 1 करोड़ रुपए हो जाता है। जनवरी और फरवरी से जुलाई तक दो यूनिटें बंद थी। ऐेस में यह घाटा करीब 500 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है। यह नुकसान अभी जारी है। एक यूनिट अभी भी ठप है।
एक जनवरी व दूसरी फरवरी में हुई थी ठप
टीएचपी सिरमौर में यूनिट नंबर 3 जनवरी और यूनिट नंबर दो फरवरी में बंद हुई थी। इन दोनों यूनिटों को ओव्हर हॉलिंग में डाल दिया गया था। इसमें से एक यूनिट नंबर 2 तो मध्य जुलाई मे शुरू हो गई लेकिन यूनिट नंबर 3 का सुधार कार्य जारी है। भेल के इंजीनियरों को सुधारने की जिम्मेदारी मिली है। इसके फिलहाल बारिश के बाद ही शुरू होने की उम्मीद है।