कर्नाटक ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह के दौरान चोपड़ा ने कहा, सबसे कठिन हिस्सा ट्रेंिनग है। हमें ट्रेनिंग के लिए बहुत कम समय मिलता है। मैंने पेरिस और ओस्ट्रावा में प्रतिस्पर्धा की और फिर बेंगलुरु की यात्रा की। अब मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा।
By: Prafull tiwari
Jul 03, 20252 hours ago
बेंगलुरू। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा कि उनके नाम पर शुरू हुई अंतरराष्ट्रीय भाला फेंक प्रतियोगिता से पहले संगठनात्मक जिम्मेदारियों को निभाना और साथ ही अपनी व्यक्तिगत तैयारियों का प्रबंधन करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती थी।
कर्नाटक ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह के दौरान चोपड़ा ने कहा, सबसे कठिन हिस्सा ट्रेंिनग है। हमें ट्रेनिंग के लिए बहुत कम समय मिलता है। मैंने पेरिस और ओस्ट्रावा में प्रतिस्पर्धा की और फिर बेंगलुरु की यात्रा की। अब मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा। हमें सब कुछ एक साथ ही व्यवस्थित करना होता है। उन्होंने कहा, हमें सभी खिलाड़ियों से इस बारे में बात करनी होगी कि इसे कैसे बेहतर बनाया जाए। लेकिन सब कुछ ठीक चल रहा है। हम इसे संभाल लेंगे और प्रतिस्पर्धा भी करेंगे। लेकिन सबसे बड़ा लक्ष्य इस टूर्नामेंट को बड़ा बनाना है।
27 वर्षीय इस मौजूदा विश्व चैंपियन ने कहा कि इस तरह के बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए बेंगलुरु एकदम सही जगह है। उन्होंने कहा, मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। जिस तरह से तैयारियां चल रही हैं, मैं बहुत खुश हूं। मैं खेल विभाग, कर्नाटक ओलंपिक संघ, कर्नाटक सरकार को इतने कम समय में टूर्नामेंट आयोजित करने में मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने मेरी बहुत मदद की। बेंगलुरू में इसे आयोजित करने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां मौसम अच्छा है। 12 खिलाड़ियों में सात विदेशी एथलीट और चोपड़ा सहित पांच भारतीय होंगे। चोपड़ा के अलावा चार भारतीय सचिन यादव, यशवीर ंिसह, रोहित यादव और साहिल सिलवाल हैं।
जर्मनी के 2016 ओलंपिक चैंपियन थॉमस रोहलर, कीनिया के 2015 विश्व चैंपियन जूलियस येगो, अमेरिकी र्किटस थॉम्पसन, चेक गणराज्य के मार्टिन कोनेकनी, ब्राजील के लुइस मौरिसियो दा सिल्वा, श्रीलंका के रुमेश पथिरेज और पोलैंड के साइप्रियन मिर्जिगलोड विदेशी प्रतियोगी हैं। चोपड़ा और कुछ प्रतिभागियों ने कांतीरावा स्टेडियम में हल्की ट्रेंिनग की। विदेशी प्रतियोगियों में कोनेकनी, थॉम्पसन और रोहलर शामिल थे। चोपड़ा के कोच और विश्व रिकॉर्ड धारी जान जेलेजनी भी यहां पहुंच चुके हैं।