सतना जिले की तिघरा ग्राम पंचायत में सरपंच-सचिव ने 14 माह में कार्यालय व्यय के नाम पर करीब 4 लाख रुपये खर्च दिखाए। आरोप है कि बिना काम कराए और फर्जी बिलों के जरिए राशि निकाली गई। उपयंत्री की शह पर हुए इस घोटाले की शिकायत लोकायुक्त रीवा, कलेक्टर सतना और जिला पंचायत सीईओ से की गई, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
By: Star News
Aug 20, 20252 hours ago
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
शासकीय राशि का बंदरबांट कैसे किया जाता है, यदि किसी सरपंच- सचिव को इसकी कोचिंग लेनी है तो वह ग्राम पंचायत तिघरा के सरपंच- सचिव से ले सकता है। उन्हें इसमें महारत हासिल है। जिले की मझगवां जनपद अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत तिघरा में सरपंच- सचिव की जोड़ी ने तो कमाल ही कर दिया है। इसने मिलकर पिछले चौदह माह में तथाकथित कार्यालय व्यय पर लगभग चार लाख रुपए खर्च कर दिए हैं। सरपंच- सचिव के भ्रष्टाचार में उस समय के उपयंत्री सतीश कुमार समेले बराबर के भागीदार हैं। हद तो यह है कि सरपंच - सचिव की इस जोड़ी के भ्रष्ट कारनामों की शिकायत तमाम सक्षम जगहों पर की गई है पर आज तक इनके खिलाफ कार्रवाई तो दूर जांच भी नहीं की गई है। ग्राम पंचायत की सरपंच कुशमा देवी व सचिव हितेन्द्र सिंह द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त रीवा, कलेक्टर सतना, सीईओ जिला पंचायत एवं मझगवां जनपद सीईओ से की गई है। शिकायती आवेदन में आरोप लगाया गया है कि कहीं बिना कार्य कराए तो कहीं पर आधा अधूरा काम कराकर पैसा निकाल लिया गया है तो कार्यालय व्यय व अन्य सामग्री क्रय के नाम पर फर्जी वेंडरों का भुगतान किया गया है। इन आरोपों के संबंध में कई दस्तावेज शिकायत कर्ता द्वारा दिए गए हैं। यह पूरा मामला जून 2024 से लेकर जुलाई 2025 के बीच का है।
घराना फर्नीचर को 88 हजार से ज्यादा का भुगतान
कार्यालय व्यय के नाम पर जो राशि खर्च की गई है। उसमें घराना फर्नीचर को 87 हजार 685 रुपए का भुगतान दिखाया गया है। अब सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत में इतनी राशि का फर्नीचर क्यों खरीदा गया है? यदि खरीदा गया है तो यह सामान है कहां, यदि सामान नहीं खरीदा गया तो बिल बाउचर फर्जी लगाए गए हैं। इसके पीछे की सत्यता क्या है। यह तो जांच का विषय है लेकिन पंचायत द्वारा घराना फर्नीचर को किए गए भुगतान की बात की जाए तो चार अलग-अलग बिलों का भुगतान किया गया है। इसमें से तीन भुगतान 99000/-, 9800/- और 9985 एक ही दिन 14 जनवरी 2025 को किया गया है। जबकि एक भुगतान 59 हजार रुपए का 9 फरवरी 2025 को हुआ है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जितना भुगतान दिखाया गया है उतने का कहीं भी फर्नीचर ग्राम पंचायत में नहीं है।
हिरौंदी से किया गया उपयंत्री का स्थानान्तरण
जनपद पंचायत मझगवां के बड़खेरा सेक्टर के प्रभारी रहे उपयंत्री सतीश कुमार समेले को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते मझगवां जनपद के ही हिरौंदी सेक्टर का प्रभारी बनाया गया है। आरोप है कि बड़खेरा सेक्टर में तिघरा ग्राम पंचायत के बतौर उपयंत्री समेले ने सरपंच और सचिव के साथ मिलकर शासकीय राशि का जमकर बंदरबांट किया है। उपयंत्री के खिलाफ लगातार आ रही भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते फिलहाल उन्हें बड़खेरा से हटाकर हिरौंदी सेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन तिघरा ग्राम पंचायत में उनकी शह पर हुआ भ्रष्टाचार चीख -चीखकर गवाही दे रहा है।
इस तरह चला भुगतान का खेल
योगेन्द्र कुशवाहा : एक ही दिन (2.7.2024) को 21000 रुपए का भुगतान अलग-अलग राशियों (5000 एवं 16000) का किया गया।
पवन इंटरप्राइजेज : एक ही दिन (12.6.2024) को 31000 रुपए का भुगतान अलग-अलग राशियों में (14616 एवं 17110/-) का किया गया।
राकेश कुशवाहा : तीन किश्तों में 39 हजार 675 रुपए का भुगतान किया गया। 12 जून 2024 को 2775 तो 5 अगस्त 2024 को 31900 रुपए का एवं 9 फरवरी 2025 को कार्यालय व्यय के नाम पर ही 5 हजार का भुगतान किया गया।
रामायण कोरी : दो किश्तों में 25033 रुपए का भुगतान किया गया, दोनों भुगतान 5 अगस्त को किए गए, पहला 14098 रुपए तो दूसरा 10935 रुपए का।
अशोक गुप्ता : 19 नवम्बर को 2 अलग-अलग किश्तों में 12500 रुपए का भुगतान किया गया।
अग्रवाल हार्डवेयर : 2 किश्तों में 19950 रुपए का भुगतान किया गया है, पहला भुगतान 9 फरवरी 2025 को 9960 रुपए तो दूसरा भुगतान 13 मार्च को 9990 रुपए।
गोयल ब्रदर्स : 13 हजार रुपए का भुगतान हुआ, 13 मार्च को ही 7930 रुपए एवं 5405 रुपए का भुगतान किया गया।
हर्ष मिश्रा : दो किश्तों में 38160 रुपए का भुगतान किया गया है, 23 अपै्रल को 19 हजार एवं 12 जून को 19160 रुपए। इसके अलावा कई अन्य नाम भी शामिल हैं जिन्हें भुगतान दर्शाया गया है।
ग्राम पंचायत तिघरा में 15वें वित्त की राशि बगैर काम कराए ही निकाली जा रही है। कार्यालय व्यय के नाम पर फर्जी वेंडरों को भुगतान किया जा रहा है। सरपंच- सचिव द्वारा तत्कालीन उपयंत्री की शह पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इसके दस्तावेजी सबूत दिए जाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं है, जबकि भ्रष्टाचार की सबूतों के साथ शिकायत लोकायुक्त रीवा, कलेक्टर सतना, सीईओ जिला पंचायत से की गई है। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
-प्रशांत कुमार त्रिपाठी, शिकायतकर्ता तिघरा