अमेरिकी नौसेना द्वारा वेनेजुएला का तेल टैंकर जब्त करने पर तनाव चरम पर है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मादुरो की संप्रभुता की रक्षा के लिए 'निरपेक्ष समर्थन' व्यक्त किया है, जबकि अमेरिका ने नार्को-आतंकवाद का आरोप लगाया है।
By: Ajay Tiwari
Dec 12, 20253:47 PM
मॉस्को: स्टार समाचार वेब
अमेरिका द्वारा वेनेजुएला का तेल टैंकर युक्त जहाज जब्त किए जाने के बाद से वाशिंगटन और काराकास के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया है। अमेरिकी नौसेना ने दो दिन पहले कैरेबियन सागर में वेनेजुएला के जहाज पर कमांडो कार्रवाई की थी, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी बड़ी जीत बताया था। इसके विपरीत, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इसे संप्रभुता का उल्लंघन और "अमेरिका की डकैती" करार दिया। इस बढ़ते तनाव के बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एंट्री हुई है, जिनका कदम अमेरिका में खलबली मचा सकता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को वेनेजुएला के नेता निकोलस मादुरो से फोन पर बात की और "वेनेजुएला के लोगों के साथ एकजुटता" व्यक्त की। क्रेमलिन के बयान के अनुसार, पुतिन ने "बढ़ते बाहरी दबाव के सामने राष्ट्रीय हितों और संप्रभुता की रक्षा" करने वाली मादुरो की नीति का समर्थन दोहराया।
वेनेजुएला सरकार के बयान में कहा गया है कि पुतिन ने मादुरो के लिए "निरपेक्ष रूप से अपना समर्थन" दोहराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि मॉस्को और काराकास के बीच "प्रत्यक्ष संचार हमेशा खुला रहेगा" और रूस वेनेजुएला का समर्थन जारी रखेगा, खासकर "उसकी संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और पूरे लैटिन अमेरिका में शांति स्थापित करने की लड़ाई में।"
अमेरिका ने मादुरो पर नार्को-आतंकवाद का आरोप लगाया है। होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने टैंकर की जब्ती को क्षेत्र में ट्रंप प्रशासन के नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान से जोड़ा। अमेरिका ने कथित ड्रग तस्करी वाली नावों पर घातक हमले करने के साथ ही क्षेत्र में अपनी सबसे बड़ी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है। हालांकि, मादुरो जोर देते रहे हैं कि अमेरिकी सैन्य अभियानों का असली उद्देश्य उन्हें पद से हटाना है। वेनेजुएला सरकार ने तेल टैंकर जब्ती को "खुली चोरी और अंतरराष्ट्रीय समुद्री डकैती का कार्य" बताया है।
मादुरो, अपने पूर्ववर्ती हूगो चावेज़ की तरह, रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हुए हैं। रूस पहले भी कई बार वेनेजुएला की बड़ी मदद कर चुका है, जिसमें कोविड-19 वैक्सीन से लेकर क्रिप्टोकरेंसी डिज़ाइन तक शामिल है।
सैन्य तैनाती: 2018 में, तनाव बढ़ने पर रूस ने वेनेजुएला की राजधानी के बाहर हवाई अड्डे पर दो न्यूक्लियर-सक्षम Tu-160 बॉम्बर तैनात किए थे।
नौसैनिक अभ्यास: पिछले साल, दो रूसी नौसैनिक जहाज़ अटलांटिक महासागर में अभ्यास के बाद वेनेजुएला के ला ग्वाइरा बंदरगाह पर रुके थे, जिसे मॉस्को ने "दूरस्थ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में झंडा दिखाने" का कारण बताया था।
इसके अलावा, रूस के सहयोगी बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने भी गुरुवार को दूसरी बार वेनेजुएला के राजदूत से मुलाकात की, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं।