By: Gulab rohit
Jun 29, 202531 minutes ago
गंजबासौदा। गंजबासौदा। सायलेंट जोन की सीमाएं तय हैं, लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा। गंजबासौदा का जय स्तंभ चौक से अंबेडकर चौक तक का क्षेत्र प्रशासन द्वारा वर्षों पहले सायलेंट जोन घोषित किया जा चुका है, जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों, राजनीतिक सभाओं और सार्वजनिक प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक है। बावजूद इसके, आज भी न केवल पुतला दहन, चक्काजाम और प्रदर्शन यहीं हो रहे हैं, बल्कि नारेबाजी, नुक्कड़ सभाएं और ट्रैफिक जाम जैसी स्थितियां तहसील परिसर के कामकाज को प्रभावित कर रही हैं। साल 2015 में एसडीएम के प्रस्ताव पर कलेक्टर ने इस क्षेत्र को सायलेंट जोन घोषित किया था।
यहां न्यायालयीन कार्य, राजस्व न्यायालय और कार्यालय संचालित होने के कारण ध्वनि नियंत्रण आवश्यक था। कोर्ट भी यहां राजनीतिक व धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा चुका है। साइलेंट जोन की सीमाओं में आज भी बड़े प्रदर्शन, पुतला दहन और बैंड-बाजे वाले कार्यक्रम बिना रोक-टोक हो रहे हैं।
नेहरू चौक सभा स्थल, आयोजन जय स्तंभ पर
प्रशासन ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि किसी भी राजनीतिक या सामाजिक संगठन को जय स्तंभ चौक से अंबेडकर चौक तक कोई सभा करने की अनुमति नहीं है। सभा स्थल के लिए नेहरू चौक को चिन्हित किया गया है। इसके बावजूद छोटे-बड़े हर प्रकार के विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन कार्यक्रम, चक्काजाम व पुतला दहन इसी प्रतिबंधित क्षेत्र में हो रहे हैं।
हिदायतें बेअसर: राजस्व
न्यायालय और तहसील के अधिकारी कई बार प्रदर्शनकारियों को हिदायत दे चुके हैं कि वे इस क्षेत्र में नारेबाजी या प्रदर्शन न करें। लेकिन न कोई सुनवाई होती है, न कार्रवाई। ज्ञापन देने आने वाले समूह पहले खामोशी से आते हैं, लेकिन तहसील परिसर पहुंचते ही जमकर नारेबाजी शुरू कर देते हैं।