गंजबासौदा। विकासखंड में बिजली चोरी का आलम यह है कि हर महीने 6 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। यहां गंजबासौदा टाउन, गंज और त्योंदा ग्रामीण डीसी मिलाकर कुल 61,730 उपभोक्ता हैं। इनमें से 49,449 घरेलू और व्यापारिक उपभोक्ता हैं, जबकि शेष किसान पंप कनेक्शनधारी हैं। स्थिति यह है कि तकनीकी लॉस सामान्य रूप से 15% माना जाता है, लेकिन चोरी और अनधिकृत उपयोग के कारण नुकसान कहीं ज्यादा बढ़ गया है। विकासखंड में प्रतिदिन औसतन 215.52 यूनिट बिजली की मांग है, लेकिन बिजली कंपनी को इसके एवज में महज 141.10 यूनिट का ही भुगतान उपभोक्ताओं से मिल पा रहा है। यानी बड़ी मात्रा में बिजली चोरी और अनियमित उपयोग से घाटा लगातार बढ़ रहा है।
उपभोक्ताओं को होगा फायदा
कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को वास्तविक टैरिफ का लाभ मिलेगा। वर्तमान में सामान्य मीटर होने के कारण सभी उपभोक्ताओं को लगभग एक जैसे बिल मिलते हैं, जबकि स्मार्ट मीटर यह बताएगा कि उपभोक्ता ने किस समय कितनी बिजली उपयोग की। उदाहरण के लिए, सुबह 9 से शाम 5 बजे तक कंपनी सबसे कम दर पर बिजली देती है। स्मार्ट मीटर से जुड़ने पर उपभोक्ता को इस समय बिजली उपयोग करने का सीधा फायदा मिलेगा।
स्मार्ट मीटर को लेकर भ्रांतियां दूर करने कंपनी कर रही प्रयास
स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं में भ्रांतियां हैं कि यह सामान्य मीटर से अलग तरीके से काम करता है। इसे दूर करने के लिए बिजली कंपनी साधारण और स्मार्ट मीटर सीरीज में 24 घंटे तक चला रही है ताकि उपभोक्ता स्वयं देख सकें कि दोनों मीटर समान रूप से काम कर रहे हैं। कंपनी का दावा है कि पूरे विकासखंड में डेढ़ साल के भीतर सभी घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद बिजली चोरी पर लगाम लगेगी और मांग एवं पूर्ति की खाई कम होगी।
मीटर रीडरों की भूमिका खत्म
बिजली कंपनी ने डेढ़ साल में 49,449 उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए सबसे पहले गंजबासौदा टाउन से अभियान की शुरुआत हो चुकी है। अब तक एक सप्ताह में 150 से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडरों की भूमिका खत्म हो जाएगी। कंपनी और उपभोक्ता दोनों सीधे देख सकेंगे कि कितनी बिजली दी गई और उपभोक्ता ने कितना उपयोग किया। इससे बिलिंग संबंधी गड़बड़ियां और विवाद कम होंगे।
86.60 करोड़ बकाया, वसूली में नाकामी
उपभोक्ताओं पर वर्तमान में 86 करोड़ 60 लाख रुपए से ज्यादा का बकाया है। इस राशि की वसूली के लिए बिजली वितरण कंपनी लगातार अभियान चला रही है। बड़े बकायेदारों की सूची सार्वजनिक की गई। ढोल-नगाड़े बजाए गए। कुर्की और कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी हुई। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप और उपभोक्ताओं की लापरवाही के चलते वसूली लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी। यहां तक कि कई मामलों को न्यायालय तक ले जाया गया है।
स्मार्ट मीटर लाभ कारी
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं और कंपनी दोनों के लिए लाभकारी हैं। डेढ़ साल में पूरे विकासखंड को स्मार्ट मीटर से जोड़ने का लक्ष्य है।
राजू भामोर, डीई, बिजली वितरण कंपनी, गंजबासौदा।