बिजली कटौती बनी रोजमर्रा की समस्या, उपभोक्ता बेहाल, समाधान की मांग
By: Gulab rohit
Oct 07, 2025just now
गंजबासौदा। शहर में बिजली कटौती का सिलसिला थम नहीं रहा। पिछले छह महीने से उपभोक्ता अघोषित बिजली कटौती से परेशान हैं। कभी मेंटेनेंस, कभी फीडर या ट्रांसफार्मर मरम्मत, तो कभी केबल लाइन बदलने के नाम पर रोजाना घंटों सप्लाई ठप रहती है। त्योहारों के इस सीजन में, जब रोशनी की जरूरत सबसे ज्यादा है, तब शहर अंधेरे में डूबा नजर आ रहा है।
नगर पालिका प्रतिपक्ष नेता जगदीश व्यास का कहना है कि बीते छह महीनों से बिजली कंपनी ने कटौती का नया बहाना तलाश लिया है। कभी ट्रांसफार्मर जलने, कभी शाखा कटिंग, तो अब केबल बदलने के नाम पर दिनभर बिजली बंद कर दी जाती है। उपभोक्ताओं को बिना किसी पूर्व सूचना के सप्लाई रोक दी जाती है, जिससे लोग बेहाल हैं। पूर्व पार्षद अशोक कोल ने बताया कि अब तो बिजली कटौती शहर की 'रोजमर्रा की समस्या' बन चुकी है। दिन में चार से छह घंटे तक बिजली गायब रहती है, लेकिन बिल पहले जैसे ही भारी-भरकम आ रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि वे भी बिजली का उपयोग न कर सकें, फिर मीटर उतनी ही खपत दिखाता है, जितनी नियमित सप्लाई के दौरान होती है।
उपभोक्ताओं की मांग- कटौती का शेड्यूल जारी करे कंपनी
नागरिकों ने मांग की है कि बिजली कंपनी रोजाना कटौती का शेड्यूल सार्वजनिक करे, ताकि आम लोग और व्यापारी अपनी दिनचर्या तय कर सकें। अन्यथा त्योहारों में अंधेरे का यह दौर शहर की नाराजगी को और भड़का सकता है। पिछले दिनों से बिजली कटौती और भारी भरकम विद्युत बिलों के खिलाफ कांग्रेस भी प्रदर्शन कर चुकी है, जबकि उपभोक्ता नगर में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर को लेकर लगातार विरोध कर रहे। उनका आरोप है जब सामान्य मीटर में बिना सप्लाई के यह स्थिति है तो स्मार्ट में क्या होगा।
सूचना देना जरूरी नहीं समझती कंपनी
6 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से बंद हुई बिजली शाम 6 बजे तक चालू नहीं हुई। उपभोक्ताओं का कहना है कि न तो बिजली कंपनी ने कोई मुनादी कराई, न सूचना दी। जल मिल हितकारिणी धर्मशाला क्षेत्र, किला क्षेत्र, हाउसिंग बोर्ड और स्टेशन रोड पर तो हालात और भी बदतर हैं। दिनभर में चार से पांच बार बिजली गुल होना अब आम बात है।
अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाब
डीई राजू भामोर का कहना है कि सप्लाई बाधित होने की सूचना उपभोक्ताओं को समय-समय पर दी जाती है। ट्रांसफार्मर और केबल लाइनों के मेंटेनेंस के कारण कहीं न कहीं सप्लाई रुकना स्वाभाविक है। हालांकि उपभोक्ताओं का कहना है कि "सूचना" सिर्फ कागजों में दी जा रही है। हकीकत में शहर के लोगों को घंटों तक अंधेरे में रखा जा रहा है।
सोलर उपभोक्ता भी परेशानः सौर ऊर्जा से जुड़े
उपभोक्ताओं की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि जब दिनभर बिजली सप्लाई बंद रहती है, तो उनके सोलर प्लांट से बनी ऊर्जा बिजली कंपनी के खाते में दर्ज नहीं हो पाती। इससे लाखों रुपए खर्च कर प्लांट लगाने के बाद भी फायदा नहीं मिल रहा। उल्टा नियमित बिल चुकाना पड़ रहा है।