शराबबंदी वाले बिहार में 1करोड़ की शराब की बरामदगी की गई है। साथ ही पुलिस ने तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। बिहार में 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है।पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिनकी निशानदेही पर अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जब्त शराब पंजाब निर्मित है और अधिकांश बोतलों पर लगे बारकोड को सप्लायर की पहचान छिपाने के लिए स्क्रैच कर दिया गया था।
By: Arvind Mishra
Oct 05, 202516 hours ago
पटना। स्टार समाचार वेब
बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला है। जल्द ही आयोग तारीख भी घोषित करने जा रहा है। वहीं राजनीतिक दल भी पूरी तरह से कमर कस चुके हैं। वहीं चुनाव से पहले शराब तस्कर सक्रिय हो गए हैं। इसी को लेकर उत्पाद विभाग ने समय रहते बड़ी कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर में शराब माफियाओं की साजिश नाकाम कर दी। जिले के तुर्की थाना क्षेत्र के थूम्मा गांव में छापेमारी कर विभाग ने एक करोड़ रुपए की विदेशी शराब जब्त की है। दरअसल, विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि इलाके में बड़ी मात्रा में शराब का भंडारण किया जा रहा है। इसके बाद उत्पाद विभाग की टीम ने तुर्की थाना पुलिस के साथ मिलकर देर रात छापेमारी की। जांच के दौरान एक खंडहरनुमा भवन से 830 कार्टन विदेशी शराब बरामद की गई, जिसकी मात्रा 8630 लीटर बताई जा रही है।बिहार में 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है।
पांच तस्कर गिरफ्तार
इस दौरान पांच तस्करों को मौके से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिनकी निशानदेही पर अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जब्त शराब पंजाब निर्मित है और अधिकांश बोतलों पर लगे बारकोड को सप्लायर की पहचान छिपाने के लिए स्क्रैच कर दिया गया था।
ब्रांड की बोतलें शामिल
बरामद खेप में रॉयल स्टैग, इंपीरियल ब्लू और मैकडॉवेल नंबर-1 जैसी प्रीमियम ब्रांड की बोतलें शामिल हैं। छापेमारी इतनी बड़ी थी कि शराब को बाहर निकालने के लिए मजदूरों की मदद लेनी पड़ी।
चुनाव में खपाने की थी तैयारी
उत्पाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि चुनाव और त्योहारों के समय शराब तस्करी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में जिले में विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। यह कार्रवाई शराब माफियाओं के लिए सख्त संदेश है कि बिहार में अवैध शराब कारोबार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।