सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश का मामला लगातार चर्चा में है। सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक ने इस हमले की निंदा की है। वहीं, घटना के बाद उनके परिवार ने दु:ख जताया है। उनकी बहन कीर्ति गवई और मां कमल गवई ने इसे संविधान पर हमला बताया है।
By: Arvind Mishra
Oct 08, 20253 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश का मामला लगातार चर्चा में है। सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक ने इस हमले की निंदा की है। वहीं, घटना के बाद उनके परिवार ने दु:ख जताया है। उनकी बहन कीर्ति गवई और मां कमल गवई ने इसे संविधान पर हमला बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहिए अन्यथा आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहिए, वरना भविष्य में आने वाली पीढ़िया कभी माफ नहीं करेंगी। सीजेआई गवई की बहन कीर्ति गवई के अनुसार, हमने भूषण दादा से बात की। उन्होंने अदालत से इसे नजरअंदाज करने के लिए कहा, लेकिन सच बताऊं तो हम इसे जाने नहीं दे सकते। वो उनका अपमान था। अगर हम अभी इस तरह से गलत बर्तावों को नहीं रोकेंगे, तो भविष्य में आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। कीर्ति गवई ने इस हमले को जहरीली विचारधारा से प्रभावित बताते हुए कहा कि जो भी संविधान के खिलाफ जाएगा, उसे प्रतिक्रिया झेलनी होगी। कीर्ति के अनुसार, यह किसी पर व्यक्तिगत हमला नहीं था, बल्कि जहरीली विचारधारा के द्वारा संविधान पर हमला था। अगर कोई संविधान के खिलाफ काम करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उखक गवई की मां कमल गवई ने कहा कि लोगों को संविधान पर ध्यान देना चाहिए और इसके पीछे के मुख्य सिद्धांतों को अपनाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा-भारतीय संविधान सभी को बराबरी का अधिकार देता है, लेकिन कुछ लोग कानून को अपने हाथ में ले लेते हैं। किसी को कानून हाथ में लेने और अराजकता फैलाने का अधिकार नहीं है। मैं सभी से अपील करूंगी कि संविधान के दायरे में रहकर अपने सवाल पूछें।
गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। इस दौरान राकेश ने चिल्लाते हुए कहा था- भारत सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। घटना के बाद वकील को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था। हालांकि, सीजेआई ने हमलावर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने से मना कर दिया, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया है।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि हमलावर वकील सीजेआई के भगवान विष्णु पर की गई टिप्पणी से नाराज था। दरअसल विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर में मौजूद जवारी मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सुप्रीन कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सीजेआई गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का मामला है। सीजेआई ने इसी दौरान यह भी टिप्पणी की थी कि, भगवान से कहो कि वही कुछ करें।