By: Sandeep malviya
Jun 02, 20255:49 PM
ताइपे। चीन और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वार के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने और कंप्यूटर चिप निर्यात नियंत्रण निर्देश जारी करने के फैसले पर चीन ने नाराजगी जाहिर की है। चीन ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने उसके हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कदम उठाए हैं। साथ ही अमेरिका नए आर्थिक और व्यापारिक तनाव को भड़का रहा है। चीन ने वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि ट्रंप के फैसले पिछले महीने जेनेवा में व्यापार चचार्ओं के दौरान बनी आम सहमति का उल्लंघन हैं। चीन-अमेरिका के संयुक्त बयान का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि चीन ने समझौते के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी टैरिफ के विरुद्ध टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को रद्द या निलंबित करते हुए समझौते पर अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखी है। जबकि अमेरिका ने एकतरफा ढंग से नए आर्थिक और व्यापारिक तनाव को भड़काया है। इससे द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में अनिश्चितता और अस्थिरता बढ़ गई है। जबकि चीन अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम है। चीन ने बदला लेने की धमकी देते हुए कहा कि चीन अपने हितों की रक्षा के लिए दृढ़ और सशक्त कदम उठाना जारी रखेगा। बयान में कहा गया कि खुद पर विचार करने के बजाय अमेरिका ने स्थिति को पलट दिया है। अनुचित रूप से चीन पर आम सहमति का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जो सरासर गलत है।
ट्रंप के बयान के बढ़ा विवाद
चीन और अमेरिका के बीच विवाद ट्रंप के बयान के बाद बढ़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि 'बुरी खबर यह है कि चीन ने हमारे साथ अपने समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है, जो कुछ लोगों के लिए चौंकाने वाली बात नहीं है। अब 'मिस्टर नाइस गाइ' बनने की जरूरत नहीं है।' ट्रंप ने ओवल आॅफिस में कहा कि वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि कोई समाधान निकले।
लगातार बढ़ रहा तनाव
चीन अमेरिका के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। पिछले सप्ताह ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की कि वह अमेरिका में पढ़ने वाले चीनी छात्रों के वीजा रद्द करना शुरू कर देगा। इसके अलावा अमेरिका चीन की कंप्यूटर चिप्स तक पहुंच को रोकना चाहता है।
अमेरिका-चीन ने टैरिफ को 90 दिनों के लिए घटाया था
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच जेनेवा में बैठक हुई थी। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए घटा दिया था। अमेरिका ने चीनी सामान पर टैरिफ को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया था। वहीं, चीन ने भी अमेरिकी सामान पर अपने करों को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था।