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अप्रवासन के मुद्दे पर संकट में नीदरलैंड सरकार

By: Sandeep malviya

Jun 03, 20259:06 PM

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अप्रवासन के मुद्दे पर संकट में नीदरलैंड सरकार

हेग ।  नीदरलैंड के धुर दक्षिणपंथी नेता गीर्ट विल्डर्स ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है, जिसके बाद नीदरलैंड की गठबंधन सरकार पर संकट के बादल मंडरा गए हैं और सरकार अल्पमत में आ गई है। विल्डर्स ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की। गठबंधन सरकार में चार पार्टियां शामिल थीं, अब सिर्फ तीन रह गई हैं। दरअसल बीते हफ्ते विल्डर्स ने सरकार से मांग की थी कि अप्रवासन को तेजी से कम करने के लिए 10 बिंदू योजना पर हस्ताक्षर करे। 

सहमति नहीं बनी तो समर्थन वापस लेंगे विल्डर्स

इस योजना में विल्डर्स ने देश की सीमाओं की रक्षा और अवैध अप्रवासन को रोकने के लिए सेना की तैनाती की भी मांग की है। उनका कहना है कि अगर अप्रवासन नीति को सख्त नहीं किया गया तो उनकी पार्टी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेगी। नीदरलैंड सरकार पर संकट के बादल ऐसे वक्त मंडरा रहे हैं, जब नीदरलैंड तीन हफ्ते बाद ही हेग में नाटो नेताओं की अहम बैठक होनी है। सोमवार को रात को गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई, जिसमें गीर्ट विल्डर्स भी शामिल हुए। बैठक के बाद विल्डर्स ने कहा था कि 'कल फिर से बैठक होगी, लेकिन हालात ठीक नहीं लग रहे हैं।' विल्डर्स के बयान से साफ है कि सहमति नहीं बन पाई और आखिरकार विल्डर्स ने सरकार  से समर्थन वापस ले लिया।

धुर दक्षिणपंथी नेता माने जाते हैं गीर्ट विल्डर्स

गीर्ट विल्डर्स एक धुर दक्षिणपंथी नेता हैं, जो नीदरलैंड में इस्लाम और अप्रवासन नीति के बड़े विरोधी हैं। विल्डर्स लंबे समय तक विपक्ष में रहे हैं, लेकिन नवंबर 2023 में हुए चुनाव में उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं थी और सत्ताधारी गठबंधन में उनकी पार्टी सबसे बड़ी थी। विल्डर्स ने कहा था कि कई महीने की बातचीत के बाद अब उनका सब्र जवाब दे गया। इससे पहले फरवरी में भी विल्डर्स ने गठबंधन से नाता तोड़ने की धमकी दी थी क्योंकि शरणार्थियों की संख्या सीमित करने की उनकी मांग पूरी नहीं हो रही थी। हालांकि बाद में विल्डर्स मान गए थे। 

 

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