भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप को अपने ही देश में आलोचना झेलनी पड़ रही है। ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें भारत पर लगा 50 प्रतिशत टैरिफ हटाने की बात कही गई है। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति, सांसद डेबोरा रॉस और सांसद मार्क वेसी ने मिलकर निचले सदन में यह संकल्प पत्र पेश किया है।
By: Arvind Mishra
Dec 13, 20259:55 AM
अमेरिका। स्टार समाचार वेब
अमेरिका में भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल का हवाला देकर भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 फीसदी तक के शुल्क अब अमेरिकी संसद के निशाने पर आ गए हैं। अमेरिकी हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव्स के तीन सदस्यों ने इस फैसले को अवैध बताते हुए इसे खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है। यह कदम न सिर्फ ट्रंप की व्यापार नीति के खिलाफ खुला विरोध माना जा रहा है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के लिए भी अहम मोड़ साबित हो सकता है। दरअसल, भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप को अपने ही देश में आलोचना झेलनी पड़ रही है।
सदन में संकल्प पत्र पेश किया
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति, सांसद डेबोरा रॉस और सांसद मार्क वेसी ने मिलकर निचले सदन में यह संकल्प पत्र पेश किया है। इस संकल्प पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित राष्ट्रीय आपातकाल को समाप्त करने की मांग की गई है, जिसके तहत भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा है। अमेरिकी सांसदों ने इसे अवैध और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक करार दिया है।
दोनों देशों की साझेदारी को चोट
सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा-भारत के प्रति राष्ट्रपति ट्रम्प की गैरजिम्मेदार टैरिफ रणनीति सही नहीं है, इससे दोनों देशों की महत्वपूर्ण साझेदारी को चोट पहुंचती है। अमेरिकी हितों को बढ़ावा देने की बजाए ट्रंप के इस फैसले से सप्लाई चेन बाधित हो रही है। इससे अमेरिकी कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है। उपभोक्ता महंगे दाम पर चीजें खरीदने के लिए मजबूर हैं। अगर यह टैरिफ खत्म हो जाते हैं, तो अमेरिका आर्थिक और सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर भारत के साथ अपनी बातचीत को आगे बढ़ा सकता है।
अर्थव्यवस्था और रोजगार पर असर
सांसदों का कहना है कि यह फैसला न तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के हित में है और न ही आम उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद। कांग्रेसवुमन डेबोरा रॉस ने कहा कि नॉर्थ कैरोलाइना की अर्थव्यवस्था भारत से गहराई से जुड़ी है। भारतीय कंपनियों ने वहां एक अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है, जिससे हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं। ऐसे में भारत पर टैरिफ बढ़ाना सीधे तौर पर अमेरिकी रोजगार और कारोबार को नुकसान पहुंचाता है।
महंगाई और द्विपक्षीय रिश्ते
वहीं टेक्सास से सांसद मार्क वीसी ने कहा कि ये टैरिफ आम अमेरिकियों पर टैक्स की तरह हैं, जो पहले ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि भारत अमेरिका का अहम आर्थिक और रणनीतिक साझेदार है और इस तरह के फैसले दोनों देशों के रिश्तों को कमजोर करते हैं।