देश आज 76वां संविधान दिवस मना रहा है। इस मौके पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में खास समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में ये समारोह हुआ। सुबह 11 बजे से आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और दोनों सदनों के सांसद शामिल हुए।
By: Arvind Mishra
Nov 26, 20251:41 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
देश आज 76वां संविधान दिवस मना रहा है। इस मौके पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में खास समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में ये समारोह हुआ। सुबह 11 बजे से आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और दोनों सदनों के सांसद शामिल हुए। इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित नौ भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया। भारत का संविधान अब 9 नई भाषाओं में मिलेगा। इससे देश के ज्यादा लोगों को अपनी भाषा में संविधान पढ़ने और समझने में मदद मिलेगी। राष्ट्रपति ने कहा-आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था। आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर हमारे संविधान के प्रमुख निर्माता में से थे। बाबा साहब के 125 वीं जयंती के वर्ष में यानी 26 नवंबर 2015 में प्रतिवर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया... ये निर्णय अत्यंत सार्थक निर्णय लिया गया।
सामाजिक बुराई पर लगाया अंकुश
मुर्मू ने कहा कि तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाकर, संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार, जीएसटी, देश के आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया। अनुच्छेद 370 के निरसन ने देश के समग्र राजनीतिक एकीकरण में बाधा बन रही एक बाधा को दूर कर दिया। नारी शक्ति बंधन अधिनियम महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा। इस वर्ष, 7 नवंबर से, हमारे राष्ट्रगान, वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव आयोजित किया जा रहा है।
हमारा संंविधान समझ और अनुभव से बना: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा- हमारे संविधान का ड्राफ्ट, बहस और उसे भारत माता के हमारे महान नेताओं ने संविधान सभा में अपनाया। ये आजादी के लिए लड़ने वाले हमारे लाखों देशवासियों की मिली-जुली समझ, त्याग और सपनों को दिखाता है। महान विद्वानों, ड्राफ्टिंग कमेटी और संविधान सभा के सदस्यों ने करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गहरी सोच दी। उनके बिना किसी स्वार्थ के योगदान ने भारत को आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया है। हमारा संविधान समझ और अनुभव, त्याग, उम्मीदों और आकांक्षाओं से बना है। हमारे संविधान की आत्मा ने साबित कर दिया है कि भारत एक है और हमेशा एक रहेगा।