देशभर में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश से सबसे ज्यादा देश की राजधानी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश प्रभावित हुए हैं। अब हालात इतने विकराल हो गए हैं कि लोगों को बचाने के लिए सेना के जवानों को उतारना पड़ा है।
By: Arvind Mishra
Sep 06, 2025just now
भोपाल/ नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
देशभर में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश से सबसे ज्यादा देश की राजधानी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश प्रभावित हुए हैं। अब हालात इतने विकराल हो गए हैं कि लोगों को बचाने के लिए सेना के जवानों को उतारना पड़ा है। दरअसल, दिल्ली में शनिवार को भी यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मॉनेस्ट्री मार्केट, यमुना बाजार, वासुदेव घाट, निगम बोध घाट, मयूर विहार और कश्मीरी गेट समेत शहर के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के मथुरा में 20 से ज्यादा कॉलोनियों में यमुना का पानी घुस गया है। आगरा में ताज महल की बाउंड्री तक यमुना का पानी पहुंच गया है। इसके पीछे बना पार्क डूब गया है। उधर, बारिश-बाढ़ के बीच उत्तराखंड में चार धाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है। सरकार ने 1 से 5 सितंबर के बीच यात्रा रोकी दी थी। अब फिर चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है।
मध्य प्रदेश में एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात हैं। राजधानी भोपाल में शनिवार को भदभदा डैम के गेट सीजन में पहली बार खुले गए। सुबह 10.35 बजे बांध के दो गेट खोल दिए गए। पानी निकासी के बाद इनमें से एक गेट बंद कर दिया गया है। फिलहाल, कुल 11 में से एक गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के कटरा में भारी बारिश के कारण वैष्णो देवी यात्रा शनिवार को लगातार 12वें दिन स्थगित रही। वैष्णो देवी मार्ग पर 26 अगस्त को भूस्खलन होने के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी। कटरा जाने वाली ट्रेनें अभी भी रद्द हैं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रा को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है।
पंजाब में सतलुज नदी से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लुधियाना में बांध कटने से 15 गांवों में पानी घुसने का डर है। राज्य में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 3.84 लाख लोग प्रभावित हैं। 21,929 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। 196 राहत कैंप में रह रहे हैं। राहत और बचाव कार्य तेज से चल रहा है। 23 जिलों के 1900 गांव 12 दिनों से बाढ़ की चपेट में हैं। 1.72 लाख हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है।
गुजरात के सूरत और वडोदरा जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। नर्मदा और किम नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। हर जगह पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
जयपुर में बीती देर रात करीब 12 बजे 4 मंजिला जर्जर हवेली भरभराकर ढह गई। मलबे में 7 लोग दब गए थे, सभी को बाहर निकाल लिया गया है। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। दो बच्चों समेत 5 घायलों को रटर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है।
हरियाणा में नदियों में पानी का जलस्तर कम होने लगा है लेकिन अब कॉलोनियों, गांवों और बस्तियों में भरा पानी बर्बादी के निशान छोड़ने लगा है। हथिनीकुंड बैराज से शाम सात बजे 59,687 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। साथ ही पूर्वी और पश्चिमी यमुनानहर में भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया है। अंबाला में बीते 24 घंटे में बारिश थमी हुई है। वहीं, घग्घर में 9.50 फीट, टांगरी में 6 फीट जलस्तर रिकॉर्ड किया गया। खेतों में कई स्थानों पर एक से डेढ़ फीट तक रेत है जिसे निकालने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है।