अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को एफबीआई एजेंटों द्वारा गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। एआई से निर्मित इस वीडियो में ओबामा को कैदी की वर्दी में दिखाया गया है।
By: Arvind Mishra
Jul 21, 202510 hours ago
हाइलाइट्स
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को एफबीआई एजेंटों द्वारा गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। एआई से निर्मित इस वीडियो में ओबामा को कैदी की वर्दी में दिखाया गया है। ट्रंप ने वीडियो की प्रामाणिकता पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, जिसकी वजह से आलोचकों ने इसे गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है। दरअसल, ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर निशाना साधा है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर ओबामा की गिरफ्तारी का एआई वीडियो पोस्ट किया है और इस पर लिखा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। ट्रंप ने वीडियो ऐसे समय में पोस्ट किया है जब उनका प्रशासन ओबामा पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा रहा है।
ट्रंप की ओर से पोस्ट किए गए एआई वीडियो में दिखाया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा कहते हैं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, खासकर राष्ट्रपति। इसके बाद कई पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और अमेरिकी राजनेता कहते दिख रहे हैं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। इसके बाद ओबामा को ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस कार्यालय में बैठे दिखाया गया। जहां दो एफबीआई एजेंट आते हैं और ओबामा को हथकड़ी लगाने लगते हैं। वे ओबामा को घसीटते हुए ले जाते दिख रहे हैं।
वीडियो में दिखाया गया है कि ओबामा की गिरफ्तारी के वक्त पास बैठे राष्ट्रपति ट्रंप हंसते दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति ओबामा नारंगी रंग का जंप सूट पहने हुए जेल के अंदर जाते दिख रहे हैं। वे जेल में उदास बैठे हैं। ट्रंप ने इस वीडियो के काल्पनिक होने को लेकर कोई अस्वीकरण जारी नहीं किया है। जबकि कई लोगों ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की है।
हाल ही में ट्रंप प्रशासन में शामिल अमेरिका की खुफिया एजेंसी की प्रमुख और पूर्व कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड ने ओबामा प्रशासन पर राष्ट्रपति चुनाव 2016 में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ओबामा और उनके प्रमुख अधिकारियों ने जानबूझकर रूस के दखल की झूठी कहानी गढ़ी ताकि ट्रंप की वैध जीत को संदेह के घेरे में डाला जा सके। गबार्ड ने इस मामले में आपराधिक जांच और मुकदमे की मांग की है।
गबार्ड ने दावा किया कि ओबामा प्रशासन ने मीडिया में झूठी खबरें फैलाने के लिए जानबूझकर गोपनीय सूचनाएं लीक कीं। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन पोस्ट जैसी प्रमुख मीडिया संस्थाओं में यह खबर फैलाई गई कि रूस ने ट्रंप की जीत में साइबर हमला कर दखल दिया। गबार्ड के अनुसार, 6 जनवरी 2017 को जारी की गई नई खुफिया रिपोर्ट भी एक फर्जी दस्तावेज पर आधारित थी जिसे पहले ही अविश्वसनीय माना जा चुका था।