रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ शांति चाहता है, लेकिन अपने सैन्य और राजनीतिक लक्ष्य हासिल करना उसकी प्राथमिकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को 50 दिन का अल्टीमेटम दिया था कि वह संघर्षविराम पर सहमत हो, वरना उस पर भारी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
By: Sandeep malviya
Jul 20, 202523 hours ago
मॉस्को। रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ शांति चाहता है, लेकिन अपने सैन्य और राजनीतिक लक्ष्य हासिल करना उसकी प्राथमिकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को 50 दिन का अल्टीमेटम दिया था कि वह संघर्षविराम पर सहमत हो, वरना उस पर भारी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इसी बीच, यूक्रेन ने शांति वार्ता का नया प्रस्ताव रखा है और राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से सीधी बातचीत की इच्छा जताई है। यह बात क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रविवार को कही। यह बयान उस वक्त आया, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को 50 दिन की समयसीमा दी है कि वह संघर्षविराम पर सहमत हो जाए, वरना उसे और कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
पेस्कोव और अन्य रूसी अधिकारी पहले भी यूक्रेन और पश्चिमी देशों के इस आरोप को खारिज कर चुके हैं कि रूस जानबूझकर शांति वार्ता में देरी कर रहा है। इस बीच, रूस ने यूक्रेन के शहरों पर लंबी दूरी से ड्रोन और मिसाइल हमले तेज कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हमले और ज्यादा बढ़ सकते हैं। पेस्कोव ने रूसी सरकारी टीवी के रिपोर्टर पावेल जारुबिन से बातचीत में कहा, राष्ट्रपति पुतिन पहले भी कई बार कह चुके हैं कि वह यूक्रेन में शांति चाहते हैं और यह मामला जल्द से जल्द सुलझे। लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया है, इसके लिए मेहनत चाहिए और यह आसान नहीं है। उन्होंने आगे कहा, हमारे लिए सबसे जरूरी बात अपने लक्ष्य हासिल करना है। हमारे लक्ष्य स्पष्ट हैं।
रूस का कहना है कि कोई भी शांति समझौता तभी हो सकता है, जब यूक्रेन उन चार इलाकों से पीछे हट जाए, जिन्हें रूस ने सितंबर 2022 में अवैध रूप से अपने में मिलाया था, लेकिन पूरी तरह कब्जा नहीं कर पाया। इसके अलावा, रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने की अपनी कोशिश छोड़े और अपनी सेना की ताकत सीमित करे। यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी इन मांगों को खारिज कर चुके हैं। 14 जुलाई को राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी थी कि अगर 50 दिन में शांति समझौता नहीं होता तो अमेरिका रूस पर भारी टैरिफ (आयात कर) लगाएगा। ट्रंप ने साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन को हथियार भेजने की प्रक्रिया को फिर से तेज करेगा। इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में कई दौर की वार्ता हो चुकी है, जिनमें कुछ कैदियों की अदला-बदली तो हुई, लेकिन संघर्षविराम पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई।
ट्रंप ने कहा था कि अगर रूस नहीं मानेगा, तो अमेरिका रूस के व्यापारिक साझेदारों को निशाना बनाकर उसे वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर देगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि यूरोपीय देश अब अमेरिका से अरबों डॉलर के हथियार खरीदेंगे, जिन्हें यूक्रेन भेजा जाएगा, ताकि वहां के हथियार भंडार को फिर से भरा जा सके। इस योजना में पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल है, जिसकी यूक्रेन को सबसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि वह रूसी ड्रोन और मिसाइल हमलों से जूझ रहा है। हाल ही में अमेरिका की प्रतिबद्धता पर संदेह तब हुआ, जब पेंटागन ने अपने हथियार भंडार में कमी के कारण यूक्रेन को भेजी जाने वाली आपूर्ति को अस्थायी रूप से रोक दिया था।