गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पाने की कोशिश कर रहे 73 फलस्तीनियों की मौत हो गई, जिनमें से 67 लोग उत्तरी गाजा के जिकिम क्रॉसिंग के पास मारे गए।
By: Sandeep malviya
Jul 20, 202523 hours ago
दीर-अल-बलाह। गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पाने की कोशिश कर रहे 73 फलस्तीनियों की मौत हो गई, जिनमें से 67 लोग उत्तरी गाजा के जिकिम क्रॉसिंग के पास मारे गए। यह घटना उस समय हुई है, जब इस्राइली सेना ने गाजा के मध्य हिस्सों को खाली करने का आदेश जारी किया है, जिससे राहत कार्यों और आम लोगों की आवाजाही बाधित हो गई। इस बीच युद्धविराम की बातचीत बिना नतीजे के जारी है, जबकि गाजा में भुखमरी, कुपोषण और बमबारी से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
गाजा पट्टी में अलग-अलग जगहों पर मानवीय मदद तक पहुंचने की कोशिश में 73 फलस्तीनियों की मौत हो गई। इनमें से सबसे ज्यादा मौतें उत्तरी गाजा में हुईं, जहां जिकिम क्रॉसिंग से आ रही मदद तक पहुंचने की कोशिश कर रहे 67 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय अस्पतालों ने दी है।
अस्पतालों के अनुसार, 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका कि इन लोगों की मौत इस्राइली सेना की गोलीबारी से हुई या सशस्त्र गिरोहों की वजह से या दोनों की। लेकिन कुछ चश्मदीदों का कहना है कि इस्राइली सेना ने भीड़ पर गोलियां चलाईं। उत्तरी गाजा में जो मौतें हुईं, वे गाजा मैनिटेरियन फंड (जीएचएफ) के मदद वितरण केंद्रों के पास नहीं हुईं। यह अमेरिका और इस्राइल समर्थित संस्था है और फलस्तीनियों को खाद्य सामग्री वितरित है। चश्मदीदों और स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि इस संस्था की सहायता पाने की कोशिश करते समय सैकड़ों लोग पहले भी इस्राइली गोलीबारी में मारे जा चुके हैं।
इस्राइली सेना ने रविवार को हुई इन मौतों पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है। इस बीच, रविवार को इस्राइली सेना ने मध्य गाजा के हिस्सों को खाली करने के आदेश जारी किए हैं। ये वे इलाके हैं, जहां अब तक जमीन पर सैन्य कार्रवाई बहुत कम हुई है। इस आदेश से दीर अल बलाह और दक्षिणी शहरों राफा और खान यूनिस के बीच संपर्क कट जाएगा। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब इस्राइल और हमास के बीच कतर में युद्धविराम को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के अनुसार इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कई कह चुके हैं कि गाजा में सैन्य अभियान तेज कर हमास पर दबाव बनाया जाएगा, लेकिन महीनों से बातचीत ठप पड़ी हुई है। इस महीने की शुरूआत में इस्राइली सेना ने दावा किया था कि वह गाजा पट्टी के 65 फीसदी से अधिक हिस्से पर नियंत्रण पा चुकी है।
गाजा के जिन इलाकों को खाली करने के आदेश जारी किए गए हैं, वहां कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी मौजूद हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस्राइली अधिकारियों से संपर्क किया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या यह आदेश दीर अल बलाह में स्थित यूएन की सुविधाओं पर भी लागू होता है। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी। इस अधिकारी ने कहा कि पहले के मामलों में यूएन की सुविधाओं को निकासी आदेश से बाहर रखा गया था। लेकिन इस बार जो क्षेत्र निकासी में शामिल किया गया है, वह पहले से खाली कराए गए इलाके से तट तक फैला हुआ है, जिससे राहत समूहों और आम लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित होगी।
इस्राइली सेना के प्रवक्ता अविचाय अद्रई ने चेतावनी दी कि सेना आतंकियों पर तेज हमले करेगी। उन्होंने वहां के नागरिकों से कहा कि वे दक्षिणी गाजा के तटीय इलाके मवासी में चले जाएं, जिसे सेना ने मानवीय क्षेत्र घोषित किया है। इनमें तंबू में रहने वाले नागरिक भी शामिल हैं।