राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में विकसित भारत@2047 अंतर्गत रोजगार आधारित शिक्षा-रुझान एवं नए अवसर विषय पर बुधवार को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां सबसे पहले सीएम डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
By: Arvind Mishra
Jul 23, 20257 hours ago
भोपाल। स्टार समाचार वेब
राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में विकसित भारत@2047 अंतर्गत रोजगार आधारित शिक्षा-रुझान एवं नए अवसर विषय पर बुधवार को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां सबसे पहले सीएम डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यशाला में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन और विभिन्न विवि के कुलसचिव, प्राचार्य, प्रबुद्धजन, शिक्षाविद और विषय-विशेषज्ञ शामिल हुए। वहीं कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। अब हम इसमें पहले स्थान पर लोने के लिए प्रयास में जुटे हैं। हमारे पास छह करोड़ से अधिक पशुधन हैं। इसके लिए हमें ज्यादा वेटरनरी विशेषज्ञों की जरूरत है। यह जरूरत सिर्फ एक कॉलेज से पूरी नहीं हो सकती है। इसलिए, प्रदेश के सभी कॉलेजों में वेटरनरी से जुड़ी शिक्षा शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में 70 से ज्यादा विश्वविद्यालय हैं। हमने अपने सभी विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर का नाम बदलकर कुलगुरु कर दिया। इस पहल को देश में स्वीकारता मिल रही है, यह हमारे लिए गर्व की बात है। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भी हमारा अनुसरण किया है और वहां भी वाइस चांसलर का नाम बदलकर कुलगुरु कर दिया गया है।
सीएम ने कहा कि आज की बदलती दुनिया में शिक्षा सिर्फ डिग्री पाने का साधन नहीं, बल्कि रोजगार और आत्मनिर्भरता की कुंजी बन गई है। इसी सोच के साथ शुरू हुई कार्यशाला में शैक्षणिक संस्थानों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को नए अवसरों के लिए तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया जाएगा।
मुख्य वक्ता डॉ. एसी पांडे (निदेशक, आईयूएसी नई दिल्ली) ने तकनीकी बदलावों और नवाचारों से पैदा हो रहे रोजगार के नए आयामों पर विस्तृत विचार साझा किए। कार्यशाला में इंजीनियरिंग, जीवन विज्ञान, कौशल विकास और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित कर भविष्य के अवसरों पर गहन विमर्श किया गया।