हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन की शुरुआत बाजार में बढ़त के साथ हुई है। मंगलवार को बीएसई पर 30 अंकों वाला सेंसेक्स 100 अंक की तेजी के साथ खुला। वहीं एनएसई पर निफ्टी 500 भी 25,200 के ऊपर कारोबार कर रहा है। इस बीच, मारुति और टाटा स्टील के शेयरों में 2 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है।
By: Arvind Mishra
Sep 23, 202510:23 AM
मुंबई। स्टार समाचार वेब
हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन की शुरुआत बाजार में बढ़त के साथ हुई है। मंगलवार को बीएसई पर 30 अंकों वाला सेंसेक्स 100 अंक की तेजी के साथ खुला। वहीं एनएसई पर निफ्टी 500 भी 25,200 के ऊपर कारोबार कर रहा है। इस बीच, मारुति और टाटा स्टील के शेयरों में 2 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। दरअसल, सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयरों में तेजी है। मारुति, महिंद्रा और टाटा मोटर्स के शेयरों में तेजी है। अल्ट्राटेक सीमेंट, सनफार्मा और अडाणी पोर्ट्स के शेयरों में आज गिरावट है। निफ्टी के 50 में से 16 शेयर्स ऊपर हैं। ठरए का आटो इंडेक्स आज करीब 2 प्रतिशत ऊपर है। यह तेजी जीएसटी रेट में कटौती और सेल बढ़ने के चलते है। एफएमसीजी, रियल्टी और बैंकिंग शेयर फिसले हैं।
एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 0.99 प्रतिशत ऊपर 45,494 पर और कोरिया का कोस्पी 0.30 फीसदी ऊपर 3,480 पर कारोबार कर रहा है। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.61 प्रतिशत गिरकर 26,183 पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.85 प्रतिशत नीचे 3,796 पर कारोबार कर रहा है।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि एच-1बी वीजा की फीस में तेज वृद्धि के बीच घरेलू बाजार में गिरावट देखी गई, जिसका असर आईटी सूचकांक पर पड़ा। वहीं हाल की बढ़त के बाद मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में मुनाफावसूली हुई।
जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने, सामान्य मॉनसून, कम ब्याज दरों और कर प्रोत्साहनों से उपभोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे मूल्यांकन और वृद्धि की संभावनाओं के बीच का अंतर कम होगा। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में आय में सुधार की उम्मीद है। इसी के साथ विदेशी निवेशक धीरे-धीरे खरीदार बन रहे हैं। उपभोग-केंद्रित क्षेत्रों के बाजार का ध्यान आकर्षित करने और उसे समर्थन मिलने की संभावना है।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार का कहना है कि सितंबर 2024 के बाद पहली बार विदेशी निवेशकों की इस स्तर पर बिकवाली देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल विदेशी निवेशकों ने कुल 1,21,210 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी, जबकि इस साल अब तक यह आंकड़ा बढ़कर 1,79,200 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।