आईएमएफ में पहले डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और फिर मुख्य अर्थशास्त्री रह चुकीं भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने आईएमएफ से इस्तीफा दे दिया है। गीता ने घोषणा की है कि वे आईएमएफ से इस्तीफा देकर एक बार फिर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की फैकल्टी में शामिल होने जा रही हैं।
By: Arvind Mishra
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में पहले डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और फिर मुख्य अर्थशास्त्री रह चुकीं भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने आईएमएफ से इस्तीफा दे दिया है। गीता गोपीनाथ ने घोषणा की है कि वे आईएमएफ से इस्तीफा देकर एक बार फिर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की फैकल्टी में शामिल होने जा रही हैं। गीता ने आईएमएफ में जनवरी 2019 में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्यभार संभाला था और जनवरी 2022 में उन्हें फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। आईएमएफ में उन्होंने वैश्विक संकट- कोविड-19 महामारी, युद्ध, महंगाई और ट्रेड में बदलाव जैसे कठिन समय में संगठन की नीतियों को मजबूती से नेतृत्व दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा-आईएमएफ में शानदार 7 वर्षों के बाद, मैंने अपनी अकादमिक जड़ों में लौटने का निर्णय लिया है। गीता मूलरूप से केरल की हैं। उनकी नागरिकता अमेरिका और भारत दोनों की है। वे अभी भी अपने पिता का ही नाम लगाती हैं। उनके पिता का नाम गोपीनाथ है।
गीता एक सितंबर से हार्वर्ड के अर्थशास्त्र विभाग में ग्रेगरी और अनिया कॉफी अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में शामिल होंगी। गीता ने कहा कि अब वे अकादमिक क्षेत्र में लौटकर अंतरराष्ट्रीय वित्त और मैक्रोइकोनॉमिक्स के शोध को आगे बढ़ाने और नई पीढ़ी के अर्थशास्त्रियों को प्रशिक्षित करने के लिए उत्सुक हैं। आईएमएफ में आने से पहले, गीता 2005 से 2022 तक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग में जॉन ज्वानस्ट्रा प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं और 2001 से 2005 तक शिकागो विवि के बूथ स्कूल आफ बिजनेस में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिएवा ने गीता को एक उत्कृष्ट साथी, बौद्धिक नेतृत्वकर्ता और समर्पित प्रबंधक बताया। उन्होंने कहा कि गीता ने आईएमएफ में अत्यंत चुनौतीपूर्ण दौर में न केवल विश्लेषणात्मक कड़ाई दिखाई, बल्कि व्यावहारिक नीति सलाह भी दी, जिसमें कोविड-19 महामारी, युद्ध, महंगाई की समस्या और वैश्विक व्यापार प्रणाली में बड़े बदलाव शामिल थे।
गीता गोपीनाथ ने अपनी शिक्षा दिल्ली स्कूल आफ इकोनॉमिक्स और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है। उनके करियर की शुरुआत उन्होंने यूनिवर्सिटी आफ शिकागो में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में 2001 से 2005 तक की। इसके बाद वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 2005 से 2022 तक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहीं, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अहम योगदान दिया।