केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जिन आतंकियों ने बैसरन घाटी में हमारे 26 पर्यटकों को मारा, उन्हें सोमवार को ढेर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इसके लिए ऑपरेशन महादेव चलाया। इन आतंकियों के नाम सुलेमान, फैजल अफगान और जिब्रान हैं। सुलेमान लश्कर का कमांडर था।
By: Arvind Mishra
Jul 29, 202516 hours ago
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जिन आतंकियों ने बैसरन घाटी में हमारे 26 पर्यटकों को मारा, उन्हें सोमवार को ढेर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इसके लिए ऑपरेशन महादेव चलाया। इन आतंकियों के नाम सुलेमान, फैजल अफगान और जिब्रान हैं। सुलेमान लश्कर का कमांडर था। इसके ढेरों सबूत हैं। अफगान और जिब्रान ए श्रेणी के आतंकी थे। ये तीनों पहलगाम हमले के आतंकी थे और तीनों मारे गए। शाह ने बताया कि आतंकियों की मदद करने वाले दो आरोपियों की भी पहचान हो गई है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। अमित शाह ने कहा कि 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए। मैं उसी दिन श्रीनगर के लिए निकल गया। पीएम मोदी ने 23 और 24 अप्रैल को सीसीएस की मीटिंग की। इसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने का काम किया, जो कांग्रेस का ब्लंडर था। उन्होंने सीसीएस में लिए गए फैसले गिनाए और कहा कि सीसीएस ने यह संकल्प लिया कि आतंकी जहां भी छिपे हैं, उनको और उन्हें ट्रेनिंग देने वालों को उचित जवाब दिया जाएगा। गोगोई जी मोदीजी के बिहार जाने की बात कह रहे थे, मोदी जी जिस दिन बिहार गए, उस दिन पहलगाम में कुछ नहीं था, सिर्फ राहुल गांधी थे। चुनावी भाषण करने की बात पर मुझे आपत्ति है। देश के प्रधानमंत्री का कर्तव्य होता है कि जनता पर जघन्य हमला होता है, तो उसे जवाब देना। शाह ने पीएम मोदी के बिहार में दिए गए भाषण के कुछ अंश पढ़कर भी सुनाए।
शाह ने कहा कि इसमें किसी को चुनावी भाषण दिखाई देता है, तो उसकी समझ पर सवालिया निशान लगता है। यह चुनावी भाषण नहीं, देश की 140 करोड़ जनता की भावनाएं हैं। जैसे चश्मे होते हैं, वैसा ही दिखाई देता है। 30 अप्रैल को सीसीएस की बैठक में सेनाओं को पूर्ण ऑपरेशन फ्रीडम देने का काम मोदी जी ने किया। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चला और नौ आतंकी ठिकाने पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए। इससे संयमित हमला नहीं हो सकता। हमने नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए, लेकिन एक भी सिविलियन नहीं मरा। केवल आतंकी मारे गए, उन्होंने एक-एक कैंप के नाम भी सदन में लिए और कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में हमने पीओके पर ही हमला किया। एक तरह से भारत की भूमि पर ही हमला किया। इस बार सौ किलोमीटर अंदर घुसकर हमला किया।
शाह ने कहा कि बहुत नजदीक से की गई गोलाबारी में हमारे कुछ गुरुद्वारे और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा। हमारे कुछ नागरिक भी हताहत हुए। उन्होंने अगले दिन भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के छह रडार सिस्टम ध्वस्त किए जाने की जानकारी दी और ध्वस्त किए गए एयरबेस के नाम भी गिनाए। शाह ने कहा कि उनके रिहायशी इलाकों पर हमले के बावजूद हमने ऐसा नहीं किया। हमने उनकी हमला करने की क्षमता को पंगू कर दिया। पाकिस्तान के पास शरण में आने के अलावा कोई चारा ही नहीं था। इसलिए 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को फोन किया और शाम पांच बजे हमने संघर्ष विराम किया। युद्ध करना या न करना सोच कर करना पड़ता है।
मोहम्मद यूसुफ अजहर, मोहम्मद जमील समेत इस ऑपरेशन में मारे गए। शाह ने आतंकियों के नाम भी सदन में गिनाए और कहा कि कल ये (विपक्षी सांसद) मुझसे पूछ रहे थे कि पहलगाम के दोषी कहां गए। ये 10 जो नाम पढ़े हैं, उनमें से आठ चिदंबरम एंड कंपनी के जमाने में आतंकी घटनाएं घटाते थे। इन्हें हमारी सेना ने चुन-चुनकर मारा है। उन्होंने कहा कि राजनाथ जी बोले हैं, वो आथेंटिक शब्द हैं। इसको मैं बढ़ा नहीं सकता। कम से कम सौ आतंकी मारे गए।
शाह ने बताया कि 7 मई को 1 बजकर 26 मिनट पर हमारा काम समाप्त हो गया था। हमारे डीजीएमओ ने उनके डीजीएमओ को बता दिया कि हमने इन आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। मनमोहन सिंह की तरह ऐसा नहीं हो सकता कि वो हम पर हमला करें और हम चुपचाप बैठे रहें। हमने आतंकी ठिकानों पर जो हमला किया, उसे पाकिस्तान ने अपने ऊपर हमला मान लिया। उससे ये गलती हो गई। गृह मंत्री ने बताया कि दूसरे दिन इनकी श्रद्धांजलि का कार्यक्रम हुआ और सेना के आला अफसर वहां उपस्थित हुए और कंधा दिया। सिंदूर ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में एक्सपोज कर दिया कि पाकिस्तान का आतंक स्टेट स्पांसर टेररिज्म है। आठ मई को पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया, लेकिन कोई मिसाइल ठिकाने पर नहीं पहुंची।
शाह ने सुरक्षा परिषद की सदस्यता के अमेरिकी प्रस्ताव को नेहरू ने यह कहकर ठुकरा दिया कि हम इसे स्वीकार नहीं सकते। इससे चीन जैसे महान देश को बुरा लगेगा। राजीव गांधी फाउंडेशन ने क्या एमओयू किया था, चीन के साथ, ये तो बताओ भाई। जब डोकलाम में हमारे सैनिक चीन के सामने आंख में आंख डालकर बैठे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ मीटिंग कर रहे थे। तीन-तीन पीढ़ी तक चीन प्रेम गांधी परिवार का उतर नहीं रहा। पाकिस्तान कांग्रेस का ब्लंडर है।