21 जून को तड़के सुबह ईरान की ओर से मिसाइलों की नई लहर ने इस्राइल, वेस्ट बैंक के आसमान को चीर दिया।
By: Sandeep malviya
Jun 21, 20255:12 PM
तेलअवीव। 21 जून को तड़के सुबह ईरान की ओर से मिसाइलों की नई लहर ने इस्राइल, वेस्ट बैंक के आसमान को चीर दिया। इस्राइल और ईरान के बीच हवाई हमले नौवें दिन में प्रवेश कर गए। इस्राइली सेना, इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने कहा कि ईरान से हमलों को रोकने के लिए आॅपरेशन के दौरान इस्राइल के विभिन्न क्षेत्रों में सायरन बजाए गए। इस्राइल जहां ईरान के परमाणु ठिकानों और मिसाइल प्रोग्राम को निशाना बना रहा है, वहीं ईरान द्वारा दागी जा रहीं मिसाइलें इस्राइल के रिहायशी इलाकों में गिर रही हैं। बीती रात भी इस्राइल ने ईरान पर बमबारी की, जिसका ईरान की तरफ से भी जवाब दिया गया। इस्राइल के खिलाफ दागी गई मिसाइलों को शनिवार को वेस्ट बैंक के कई हिस्सों में देखा गया. इसी के साथ ईरान ने साफ कर दिया है कि जब तक इजरायल के हमले जारी रहेंगे, वो अपने परमाणु कार्यक्रम के भविष्य को लेकर किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेगा।
ईरान और इस्राइल के बीच जारी संघर्ष को एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है। हर बीतते दिन के साथ दोनों पुराने दुश्मनों के बीच तेज होता जा रहा संघर्ष खतरनाक मोड़ पर आ गया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीन जहां ईरान के समर्थन में आ गए हैं वहीं, अमेरिका ने ईरान पर अपने हमले को लेकर अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर अमेरिका भी ईरान पर हमले करता है तो मध्य पूर्व का भविष्य क्या होगा। इस बीच ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक बैठक की है, इसमें उन्होंने कहा है कि जल्द ही ईरान को लेकर फैसला लिया जाएगा। वहीं ईरानी सेना ने कहा है कि वह लंबे युद्ध के लिए तैयार है। तो वहीं ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने धमकी दी है कि अगर इस्राइल के साथ जंग में अमेरिका भी शामिल हुआ तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और इसके खतरों से कोई भी देश नहीं बच पाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका, इस्राइल के समर्थन में संघर्ष में शामिल हो सकता है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा।