गाजा में बीते कई महीनों से जारी संघर्ष ने इलाके को पूरी तरह तबाह कर दिया है। हजारों लोगों की मौत हो चुकी है, बड़ी संख्या में लोग घायल हैं । स्कूल, अस्पताल और जरूरी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
By: Sandeep malviya
Jul 03, 20253 hours ago
तेल अवीव। संघर्ष विराम की कोशिशों के बीच इस्राइली सेना ने गाजा में रात भर हवाई हमले और गोलीबारी की। इन हमलों में 82 फलस्तीनियों की मौत हुई है। अस्पताल और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन हमलों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 82 लोगों में से 38 लोगों की मौत तब हुई जब वे मानवीय सहायता पाने की कोशिश कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन से जुड़े स्थलों के आसपास पांच लोग मारे गए। यह नव निर्मित, गुप्त अमेरिकी संगठन है, जो गाजा पट्टी की आबादी को भोजन उपलब्ध कराने के लिए इस्राइल द्वारा समर्थित है। इनके अलावा, गाजा पट्टी में अन्य स्थानों पर सहायता ट्रकों का इंतजार करते समय 33 अन्य लोग मारे गए। हालांकि, इस्राइली सेना ने बुधवार रात और गुरुवार सुबह के हमलों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की। गौरतलब है कि इस्राइली सेना ने यह हमले तब किए हैं जब एक दिन पहले ही इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास का जड़ से खात्मा करने की बात कही थी। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि गाजा में युद्ध खत्म होने के बाद हमास का कोई वजूद नहीं रहेगा। बुधवार को अपने बयान में नेतन्याहू ने कहा कि गाजा से हमास का पूरी तरह सफाया किया जाएगा और इस्राइल की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा जाएगा। वहीं, अमेरिका भी इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश में जुटा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि इस्राइल 60 दिनों के युद्धविराम पर सहमत हो गया है। ट्रंप ने हमास से अपील की है कि वह जल्द से जल्द इस प्रस्ताव को स्वीकार करे, क्योंकि हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं। अमेरिका पिछले कुछ हफ्तों से इस्राइल और हमास पर युद्ध रोकने के लिए दबाव बना रहा है।
गाजा में जंग से तबाही
गाजा में बीते कई महीनों से जारी संघर्ष ने इलाके को पूरी तरह तबाह कर दिया है। हजारों लोगों की मौत हो चुकी है, बड़ी संख्या में लोग घायल हैं और आम नागरिकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल, अस्पताल और जरूरी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्धविराम की मांग लगातार उठ रही है।