कटनी में एक खास आम का बाग है। यहां 1700 से ज्यादा आम के पेड़ हैं। 15 प्रजातियां हैं। यहां से आम की सप्लाई मुंबई-दिल्ली तक होती है। वहीं मप्र की राजधानी भोपाल के जवाहर उद्यान में एक नहीं, बल्कि कई वैरायटी के आम बाग में हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मियाजाकी आम की कीमत लाखों रुपए में है।
By: Star News
Jun 04, 202510:42 AM
-मध्य प्रदेश का मैंगो की दुनिया में दबदबा, मुंबई-दिल्ली तक सप्लाई
कटनी। मध्यप्रदेश के कटनी जिला मुख्यालय से चंद दूरी पर स्थित एक गांव में फैला हुआ आम का बाग न केवल उत्पादन में अव्वल है, बल्कि हरी-भरी धरोहर के रूप में भी पहचाना जाता है। गर्मी के मौसम में फलों के राजा आम की खुशबू हर ओर फैली हुई होती है, लेकिन, मध्य प्रदेश के कटनी जिले का देवराकलां गांव अपने खास किस्म के बागानों के कारण देशभर में चर्चा में रहता है। कटनी मुख्यालय से 17 किमी दूर स्थित इस गांव में फैला हुआ आम का यह बाग न केवल उत्पादन में अव्वल है, बल्कि हरी-भरी धरोहर के रूप में भी पहचाना जाता है। 50 एकड़ में फैले इस बाग में 1700 से अधिक आम के पेड़ हैं, जो 15 से अधिक प्रजातियों के हैं। इनमें आम्रपाली, मल्लिका, दशहरी, कलमी, सुंदरजा, बादामी, बंबईया, चौसा और सफेदा आम शामिल है। इस बाग की नींव 1989 में स्वं. डॉ.एपी सिंह ने रखी थी। डॉ. सिंह कटनी के पूर्व कांग्रेस विधायक भी रहे हैं। उनके परिवार के सदस्य राय प्रताप सिंह आज इस विरासत को सहेज रहे हैं।
इस बार 22 लाख का ठेका
हर साल इस बाग से हजारों क्विंटल आम कटनी की मंडी से होते हुए जबलपुर, रीवा, सतना, नागपुर, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई जैसे बड़े शहरों तक भी पहुंचते हैं। इस साल रीवा निवासी ठेकेदार नाल पासवान ने इसे 22 लाख में ठेके पर लिया है। वे बताते हैं कि यहां सिर्फ देसी खाद और आर्गेनिक तरीकों से खेती होती है, जिससे आम ज्यादा मीठे और सुगंधित होते हैं।
स्थानीय लोगों को मिला रोजगार
बाग में वर्षों से काम कर रहे दिलीप पासवान का कहना है कि आम तोड़ने की प्रक्रिया बेहद सावधानी से होती है। हम सुबह-सुबह पेड़ों को चिन्हित करते हैं, फिर फंदों से आम तोड़कर उन्हें छांटते, पेपर में लपेटते और केमिकल रहित तरीके से पकाते हैं। इस काम के लिए हमें 400 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं, लेकिन इससे ज्यादा हमें इस काम को करने में जो संतोष और खुशी मिलती है, वह अनमोल है। इस बाग की वजह से आसपास के लोगों के लिए रोजगार भी बना रहता है।
विदेश भी जा रहा भोपाल महाराजा
इधर, राजधानी भोपाल के भेल क्षेत्र में स्थित जवाहर उद्यान अपने खास तरह के आमों के लिए देश ही नहीं दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां के हापुस, कृष्णभोग, जाफरान कोहिनूर, महाराजा, दय्यड़, तोतापरी, लंगड़ा, मल्लिका और आम्रपाली समेत अन्य वैरायटी के आमों की मार्केट में भी अच्छी डिमांड है। लोग भोपाल के जवाहर बाग से आम खरीद कर विदेशों में अपने रिश्तेदारों को भी भेजते हैं। वहीं इस बार इस बाग में जापानी आम मियाजाकी भी बिक रहा है। इसके 4 पेड़ बाग में लगे हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे महंगा आम है। इसकी जापान या अंतराष्ट्रीय बाजार में कीमत ढाई लाख रुपए किलो है। हालांकि जवाहर बाग में यह आम ग्राहकों को 1200 रुपए किलो बिक रहा है।