भोपाल के निजी कॉलेज में छात्राओं से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के आरोप में पकड़े गए फरहान, साद और साहिल के अवैध मकानों पर प्रशासन ने एक्शन शुरू कर दिया है। आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू हो गई है। तीनों पर लव जिहाद के आरोप भी हैं। जिला कोर्ट से स्टे नहीं मिलने के बाद पुलिस की भारी सुरक्षा में यह कार्रवाई शुरू की है।
By: Arvind Mishra
Sep 13, 20259:57 AM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
भोपाल के निजी कॉलेज में छात्राओं से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के आरोप में पकड़े गए फरहान, साद और साहिल के अवैध मकानों पर प्रशासन ने एक्शन शुरू कर दिया है। आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू हो गई है। तीनों पर लव जिहाद के आरोप भी हैं। जिला कोर्ट से स्टे नहीं मिलने के बाद पुलिस की भारी सुरक्षा में यह कार्रवाई शुरू की है। यह वही केस है जिसने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया था। दरअसल, गोविंदपुरा तहसील के अर्जुन नगर में दुष्कर्म और लव जिहाद के आरोपियों के मकानों पर शनिवार सुबह प्रशासन का बुलडोजर चला। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। आरोपियों के मकान सरकारी जमीन पर बने हुए थे। भोपाल में कॉलेज की छात्राओं के साथ दुष्कर्म और लव जिहाद मामले में यह पहली बड़ी कार्रवाई है।
प्रशासन की टीम ने एक दिन पहले ही बुलडोजर चलाने की तैयारी पूरी कर ली थी। शासकीय भूमि पर बने मकानों पर लाल निशान लगाने के साथ ही आरोपियों के परिजनों को नोटिस तक दिए गए थे। इससे उन्होंने मकान खाली कर ताले लगा दिए थे। वहीं प्रशासन ने शुक्रवार को बेरिकेड्स लगा दिए गए थे।
कालेज छात्राओं के साथ दुष्कर्म और लव जिहाद के आरोपी फरहान, साद और साहिल के रायसेन रोड अर्जुन नगर में मकान बने हैं। इसको लेकर गोविंदपुरा तहसील न्यायालय द्वारा 19 अगस्त को आदेश दिया गया था कि तीनों आरोपियों के मकान शासकीय जमीन खसरा नंबर 32, 42 और 43 पर कब्जा करके बनाए गए हैं। अवैध रूप से बनाए गए मकानों को तोड़कर शासकीय भूमि को मुक्त करवाने की कार्रवाई आज निर्धारित की गई थी।
फरहान, साद, साहिल, नबील, अली और अबरार के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने निजी कॉलेज की छात्राओं के साथ दुष्कर्म किया था। साथ ही उनको धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया। सभी आरोपियों के खिलाफ भोपाल जिला न्यायालय में आरोप तय किया जा चुका है।
इस मामले ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया था। मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा और आयोग की टीम को भोपाल आना पड़ा। अब जिला प्रशासन की यह कार्रवाई सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी का हिस्सा मानी जा रही है। स्थानीय लोगों की भीड़ प्रशासनिक अमले के साथ घटनास्थल पर मौजूद है। मौके पर मीडिया और फोटोग्राफरों का जमावड़ा है। अधिकारियों का कहना है कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।