अब बाहर करने की तैयारी:मीटिंग में मुद्दा उठने के बाद अपर आयुक्त रिलीव;
By: Gulab rohit
Nov 07, 20256:31 PM
भोपाल । भोपाल नगर निगम में डेप्युटेशन यानी, प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। हाल ही में निगम परिषद की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था। इसके बाद अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान को रिलीव भी कर दिया गया। अब दूसरे अधिकारी रडार पर हैं। उन्हें भी उनके मूल विभाग में भेजने की तैयारी है।
बता दें कि 30 अक्टूबर को नगर निगम परिषद की बैठक में हुई थी। इसमें डेप्युटेशन अधिकारियों के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद एकजुट नजर आए थे। कांग्रेस पार्षद अजीज उद्दीन ने अपर आयुक्त चौहान और एकता अग्रवाल के रिलीव न होने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि इनका ट्रांसफर तीन महीने पहले हो चुका है, फिर भी उन्हें रिलीव नहीं किया गया, जो गलत है।
एमआईसी मेंबर जितेंद्र शुक्ला ने भी अजीज उद्दीन की बात का समर्थन किया। इसके बाद सभी कांग्रेस और बीजेपी पार्षद सहमत हो गए और कहा, “भोपाल नगर निगम क्या धर्मशाला है? हर कोई यहां आना चाहता है। जरूरत से ज्यादा अपर आयुक्त हो गए हैं।”
पार्षदों ने सुझाव दिया कि निगम में प्रतिनियुक्ति प्रथा को खत्म किया जाए। इसके बाद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कमिश्नर संस्कृति जैन को व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया। अध्यक्ष ने कहा था कि सदन की इच्छा है कि तत्काल रिलीव किया जाए। इसके बाद अपर आयुक्त चौहान को रिलीव कर दिया गया। वहीं, अग्रवाल को लेकर प्रक्रिया की जा रही है।
पशुपालन विभाग के अधिकारी की भी शिकायत
इसी बीच निगम में प्रतिनियुक्ति पर आए पशुपालन विभाग के अधिकारी डॉ. पीपी सिंह को लेकर भी शिकायत हुई है। शिकायत के मुताबिक, डॉ. सिंह की मूल पदस्थापना पशु रोग प्रयोगशाला (पशुपालन विभाग) में है। उन्हें कुछ समय के लिए नसबंदी सत्यापन कार्यक्रम हेतु अस्थायी रूप से नगर निगम में ड्यूटी दी गई थी। निगम ने दो महीने पहले ही ड्यूटी निरस्त कर दी, लेकिन सिंह अब भी काम पर है।
जानकारों का कहना है कि इस प्रकार की तैनाती न केवल विभागीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देती है। इसकी शिकायत निगम अध्यक्ष सूर्यवंशी के पास भी पहुंची है।
नियम विरुद्ध होने पर हटाएंगे
निगम अध्यक्ष सूर्यवंशी ने बताया, परिषद की मीटिंग के बाद डेप्युटेशन पर आए अधिकारियों को हटाया जा रहा है। जिनकी आवश्यकता नहीं है, उन्हें हटाने की कार्रवाई होगी। पशुपालन विभाग के यदि कोई अधिकारी नियम विरुद्ध पदस्थ है तो हटाने की कार्रवाई करेंगे।