मध्य प्रदेश में प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (PNST)-2022 का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दो साल बाद भी सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला न मिलने वाली 109 छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है।
By: Ajay Tiwari
Jul 20, 2025just now
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (PNST)-2022 का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दो साल बाद भी सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला न मिलने वाली 109 छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है।
हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती
यह याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देती है, जिसमें परीक्षा परिणाम जारी करने की अनुमति तो दी गई थी, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश नहीं दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला वरिष्ठ अधिवक्ता वरुण चोपड़ा लड़ रहे हैं।
छह संस्थाएं बनीं पक्षकार
दायर की गई विशेष अनुमति याचिका में मध्य प्रदेश शासन, संचालक चिकित्सा शिक्षा, एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी, इंडियन नर्सिंग काउंसिल, कर्मचारी चयन मंडल और प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन को पक्षकार बनाया गया है।
एनएसयूआई ने बताया
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार बताया कि कर्मचारी चयन मंडल (पूर्व व्यापम/ESB) द्वारा जून 2023 में आयोजित PNST-2022 परीक्षा का परिणाम रोक दिया गया था। 27 मार्च 2025 को हाईकोर्ट ने परिणाम जारी करने का आदेश तो दिया, लेकिन उसके बाद भी अब तक काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। परमार ने बताया कि 60 हजार से ज़्यादा छात्राओं ने यह परीक्षा दी थी, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग की उदासीनता से एक भी छात्र को अब तक प्रवेश नहीं मिल पाया है।
कॉलेजों में सीटें खाली हैं
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने अपनी बात रखते हुए कहा, "शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की सीटें खाली पड़ी हैं, लेकिन छात्राएं दर-दर भटक रही हैं। हमने मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक को ज्ञापन सौंपे, लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हमें सुप्रीम कोर्ट से ही न्याय की उम्मीद है।"