दो बार की ओलंपियन इलावेनिल वलारिवान (महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल) और ओलंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक सिफ्त कौर सामरा (महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन) ने भी म्यूनिख में कांस्य पदक जीतने वाले अपने प्रदर्शन से विश्व स्तरीय निशानेबाजों के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की।
By: Prafull tiwari
Jun 16, 202510 hours ago
नयी दिल्ली। भारत ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) के वार्षिक कैलेंडर में सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण टूर्नामेंटों में से एक म्यूनिख विश्व कप में अपने प्रदर्शन में सुधार कर दो स्वर्ण और दो कांस्य पदक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। पिछले चार विश्व कप में यह तीसरा मौका है जब भारत ने तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया है। एनआरएआई के महासचिव के. सुल्तान सिंह ने कहा, हमारे निशानेबाजों ने एक बार फिर से म्यूनिख विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस आयोजन से पहले कहा जा रहा था कि भारत के लिए यह टूर्नामेंट चुनौतीपूर्ण होगा। इसमें बड़ी संख्या में खिलाड़ी भाग ले रहे थे जबकि हमारे कुछ सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज इसमें नहीं खेल रहे थे।
हमारे निशानेबाजों ने हालांकि यह साबित कर दिया कि भारतीय निशानेबाजी में विकल्प पहले से कहीं अधिक है। इस सत्र की शुरुआत से शानदार लय में चल रही पिस्टल निशानेबाज सुरुचि स्ािंह ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनावाया। हरियाणा की इस 19 साल की निशानेबाज ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में विश्व कप का अपना लगातार तीसरा स्वर्ण पदक जीता। आर्या बोसरे और अर्जुन बबूता की मिश्रित जोड़ी ने ओलंपिक चैंपियन और विश्व रिकॉर्डधारी चीन की एस जीएल आई और वांग जी फी की जोड़ी को 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में हराकर बड़ा उलटफेर किया।
दो बार की ओलंपियन इलावेनिल वलारिवान (महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल) और ओलंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक सिफ्त कौर सामरा (महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन) ने भी म्यूनिख में कांस्य पदक जीतने वाले अपने प्रदर्शन से विश्व स्तरीय निशानेबाजों के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की।
वलारिवान ने कांस्य पदक जीतने से पहले 635.9 के स्कोर के साथ नया क्वालीफिकेशन राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया, जबकि सुरुचि ने महिला एयर पिस्टल में मनु भाकर के 588 के क्वालीफिकेशन राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की। प्रतियोगिता की 10 स्पर्धाओं में भी भारतीय खिलाड़ी सात के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। चीन चार स्वर्ण सहित सात पदकों के साथ तालिका में शीर्ष पर रहा। नार्वे दो स्वर्ण और एक रजत के साथ दूसरे स्थान पर रहा।