85 वर्षीय पीटर मुथारिका ने दोबारा राजनीति में वापसी करते हुए मलावी के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उन्होंने 56% वोटों से जीत हासिल कर आर्थिक संकट, महंगाई और खाद्य संकट से जूझ रहे देश की बागडोर संभाली। शपथ समारोह में उन्होंने कहा कि दूध और शहद का वादा नहीं करूंगा, लेकिन मेहनत करके देश को मजबूत बनाऊंगा।
By: Sandeep malviya
Oct 04, 202523 hours ago
ब्लांटायर । मलावी में राजनीति की बड़ी वापसी करते हुए 85 वर्षीय पीटर मुथारिका ने एक बार फिर देश के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। भारी आर्थिक संकट, महंगाई और खाद्य-संकट से जूझ रहे देश को संभालने की चुनौती अब उनके कंधों पर है। मुथारिका ने हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 56% वोटों के साथ जीत हासिल की। उन्होंने लाजारस चकवेरा को हराया, जिन्हें सिर्फ 33% वोट मिले। शपथ लेते हुए मुथारिका ने कहा कि दूध, शहद का वादा नहीं करूंगा, लेकिन मेहनत जरूर करूंगा।
शपथ ग्रहण समारोह मलावी की वाणिज्यिक राजधानी ब्लैंटायर के कामुजु स्टेडियम में आयोजित हुआ, जहां हजारों लोग शामिल हुए। पूर्व राष्ट्रपति चकवेरा शपथ समारोह में शामिल नहीं हुए, लेकिन उनकी पार्टी ने शुभकामनाएं भेजीं। बता दें कि मलावी इस समय गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है, जहां महंगाई, ईंधन और खाने की कमी लोगों की परेशानियों को बढ़ा रही है। ऐसे में दोबारा राष्ट्रपति बने मुथारिका ने कहा कि हमारा देश संकट में है, न खाना है, न विदेशी मुद्रा। उन्होंने कहा कि हम देश को सुधारेंगे। मैं दूध-शहद का वादा नहीं करता, लेकिन मेहनत का जरूर करता हूं।
भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई का किया वादा
येल यूनिवर्सिटी से पढ़े कानून विशेषज्ञ मुथारिका ने भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई का वादा किया। हालांकि, उनके पहले कार्यकाल में भी उन पर घोटालों के आरोप लगे थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निवेश की अपील की और कहा कि मलावी को दान नहीं, साझेदारी चाहिए। इसके साथ ही मुथारिका ने उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ का भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों में साथ देने के लिए धन्यवाद दिया।
डोनाल्ड ट्रंप ने दी बधाई
मुथारिका ने बताया कि उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बधाई संदेश मिला है। जल्द ही मलावी का एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका जाएगा, ताकि वहां की कटौती की गई आर्थिक सहायता को लेकर बातचीत की जा सके।
कैसे हुई राजनीति में वापसी?
गौरतलब है कि मुथारिका पहले भी 2014 से 2020 तक मलावी के राष्ट्रपति रह चुके हैं। लेकिन 2019 में हुए चुनाव में जीत के बावजूद कोर्ट ने गड़बड़ियों के चलते नतीजे रद्द कर दिए थे और 2020 में फिर से चुनाव कराने का आदेश दिया गया था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब फिर से 85 साल में मालवी के राष्ट्रपति बने मुथारिका पर आर्थिक संकट से जुझ रहे देश को आगे लाने की जिम्मेदारी है।