केंद्रीय सरकार की योजना को लागू करने के लिए विधानसभा ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन अभी तक नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा टैबलेट की खरीद नहीं हो सकी है। इससे एक बार फिर पुरानी व्यवस्था के अनुसार की सदन की कार्यवाही का संचालन किया जाएगा।
By: Arvind Mishra
Jul 10, 20253 hours ago
केंद्रीय सरकार की योजना को लागू करने के लिए विधानसभा ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन अभी तक नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा टैबलेट की खरीद नहीं हो सकी है। इससे एक बार फिर पुरानी व्यवस्था के अनुसार की सदन की कार्यवाही का संचालन किया जाएगा। दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में ई-विधान प्रणाली लागू नहीं होगी। विधानसभा सचिवालय ने इस सत्र में कार्यवाही को पेपरलेस करने के लिए ई-विधान योजना को लागू करने की तैयारी की थी, लेकिन एनआईसी द्वारा टैबलेट की खरीद नहीं हो पाने के कारण इसे शीतकालीन सत्र के लिए टाल दिया गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने एक चर्चा के दौरान बताया कि मानसून सत्र में विधायकों को आनलाइन कार्य प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगले सत्र से नई प्रणाली लागू हो जाएगी, इसलिए विधायकों को इसके उपयोग की जानकारी होनी चाहिए। प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी ताकि विधायकों को किसी तरह की परेशानी न हो।
गौरतलब है कि एनआईसी को विधानसभा के लिए 250 टैबलेट खरीदने थे, लेकिन टैबलेट की तकनीकी विशिष्टताओं और अन्य प्रक्रियाओं में देरी होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया है। ई-विधान लागू होने के बाद सदन की प्रश्नोत्तर प्रक्रिया, दस्तावेज और अन्य विधायी सामग्री टैबलेट पर उपलब्ध होगी। विधायकों को टैबलेट के माध्यम से कार्य करना होगा।
इधर, विधानसभा के मानसून सत्र में नगरीय विकास विभाग ने फायर सेफ्टी विधेयक पेश करने की तैयारी कर ली है। ड्राफ्ट सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद तैयार किया गया था, लेकिन दो साल में भी लागू नहीं हो पाया। इसमें अलग से अग्नि सुरक्षा संचालनालय का गठन प्रस्तावित है। इससे अग्नि सुरक्षा के बेहतर इंतजाम हो पाएंगे। नगरीय विकास एवं आवास आयुक्त संकेत भोंडवे के अनुसार मानसून सत्र में विधेयक पेश करने की तैयारी हो गई है। पारित होने के बाद प्रदेश में लागू किया जाएगा।
भवन में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं करने पर मकान मालिक पर 10 हजार तक जुर्माना और सजा का भी प्रावधान होगा। इस एक्ट के लागू होने से अग्नि सुरक्षा की स्थिति सुधरने की संभावना है। विभाग ने ड्राफ्ट पर सभी स्तर पर डिस्कशन पूरे कर लिए हैं। अग्नि सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाने के लिए सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं। अलग अग्नि सुरक्षा संचालनालय के साथ ही प्रदेश में सेटअप भी प्रस्तावित किया गया है।
नए सेटअप के लिए 5 हजार करोड़ के बजट की जरूरत होगी। हालांकि यह बजट पांच साल में खर्च किया जाएगा और केंद्र सरकार से भी इसके लिए राशि मांगी जाएगी। अग्नि सुरक्षा के पुराने उपकरणों और फायर ब्रिगेड को बदला जाएगा। अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे। भविष्य को देखते हुए बहुमंजिला भवनों की आग बुझाने के लिए भी विशेष उपकरण खरीदे जाएंगे।