भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के ऋण खाते को फ्रॉड के रूप में वर्गीकृत कर दिया है। एक नियामक फाइलिंग के अनुसार उन पर इस कार्रवाई के लिए एक दशक से पहले दिए गए ऋणों के कथित दुरुपयोग का हवाला दिया गया है।
By: Arvind Mishra
Sep 05, 20253 hours ago
भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के ऋण खाते को फ्रॉड के रूप में वर्गीकृत कर दिया है। एक नियामक फाइलिंग के अनुसार उन पर इस कार्रवाई के लिए एक दशक से पहले दिए गए ऋणों के कथित दुरुपयोग का हवाला दिया गया है। आरकॉम ने कहा कि उसे बैंक ऑफ बड़ौदा से 2 सितंबर को एक पत्र मिला है जिसमें कंपनी और उसके प्रवर्तक अनिल अंबानी के ऋण खाते को धोखाधड़ी के रूप में वगीर्कृत करने के निर्णय की जानकारी दी गई है। आरकॉम नियंत्रण और अपनी देनदारियों को चुकाने के लिए कॉर्पोरेट दिवाला समाधान कार्यवाही से गुजर रही है। हालांकि, बैंक ऑफ बड़ौदा ने पत्र में कहा है कि वर्तमान में एनसीएलटी की ओर से अनुमोदित कोई सक्रिय समाधान योजना अस्तित्व में नहीं है।
12 साल से अधिक पुराना मामला
बैंक ने बताया है कि धोखाधड़ी की घोषणा फोरेंसिक आडिट रिपोर्ट के निष्कर्षों व टिप्पणियों पर आधारित है। उनके अनुसार ऐसा करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों तहत है। अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की कार्रवाई 12 साल से भी अधिक पुराने मामलों में की गई है। अनिल अंबानी 2006 में आरकॉम की स्थापना से लेकर 2019 में बोर्ड से इस्तीफा देने तक बोर्ड में एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत थे। अंबानी ने सभी आरोपों और अभियोगों से स्पष्ट रूप से इंकार किया है। वे कानूनी सलाह के अनुसार उपलब्ध उपायों पर आगे बढ़ेंगे।