पाकिस्तानी सेना ने साफ कहा है कि सेना प्रमुख आसिम मुनीर के राष्ट्रपति बनने की कोई योजना नहीं है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया।
By: Sandeep malviya
Aug 06, 20255:52 PM
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना ने साफ कहा है कि सेना प्रमुख आसिम मुनीर के राष्ट्रपति बनने की कोई योजना नहीं है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया। सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को खारिज करते हुए कहा गया कि जनरल मुनीर का ध्यान केवल पाकिस्तान की स्थिरता पर है। आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने भी राष्ट्रपति जरदारी को हटाने की अटकलों को गलत बताया।
पाकिस्तान में बीते कुछ हफ्तों से यह चर्चा तेज हो गई थी कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर राष्ट्रपति बनने की तैयारी में हैं और वर्तमान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को हटाया जा सकता है। इस तरह की अफवाहें खासतौर पर सोशल मीडिया पर चल रही थीं, जिनमें दावा किया जा रहा था कि सेना अब खुलकर सत्ता में आने की तैयारी कर रही है। लेकिन अब खुद सेना ने इन चचार्ओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने द इकोनॉमिस्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि जनरल आसिम मुनीर के राष्ट्रपति बनने की खबरें पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने साफ किया कि ऐसी कोई योजना न तो चल रही है और न ही विचाराधीन है। पाकिस्तान के सरकारी टेलीविजन चैनल पीटीवी ने भी इस बयान को बुधवार को सोशल मीडिया पर साझा किया।
जरदारी की कुर्सी खतरे में नहीं
इससे पहले 10 जुलाई को आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने भी इन अफवाहों को ह्यषड्यंत्रकारी अभियानह्ण करार देते हुए खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति जरदारी और सेना के नेतृत्व के बीच सम्मान और विश्वास का संबंध है। नकवी ने यह भी जोड़ा कि जनरल मुनीर का पूरा ध्यान केवल पाकिस्तान की मजबूती और स्थिरता पर है, न कि किसी राजनीतिक पद या ताकत पर।
इस अफवाह के पीछे किसका हाथ ?
सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया पर चल रही इस मुहिम के पीछे कुछ ऐसे गुटों का हाथ माना जा रहा है जो सेना और सरकार के बीच टकराव का माहौल बनाना चाहते हैं। इन अफवाहों में कहा गया कि मुनीर को फील्ड मार्शल का दर्जा देकर उन्हें राष्ट्रपति भवन तक लाने की तैयारी हो रही है। जबकि हकीकत में न तो पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का एक्टिव रोल है और न ही इस पद पर कोई संवैधानिक शक्ति होती है।
सेना की छवि बचाने की कोशिश
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती जा रही है और सेना की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इमरान खान की गिरफ्तारी, चुनाव में धांधली के आरोप और विपक्षी दलों की नाराजगी ने सेना की छवि को प्रभावित किया है। ऐसे में सेना चाहती है कि वो खुद को राजनीति से दूर और ह्यसंविधान के रक्षकह्ण की भूमिका में दिखाए।