प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब ब्रिटेन और मालदीव की महत्वपूर्ण यात्रा पर जाने वाले हैं। यात्रा का उद्देश्य भारत के कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करना है। इस दौरान व्यापारिक समझौते और राजनीतिक सहयोग पर विशेष जोर दिया जाएगा। यात्रा का पहला चरण 23-24 जुलाई को ब्रिटेन का होगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
By: Arvind Mishra
Jul 19, 202526 minutes ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब ब्रिटेन और मालदीव की महत्वपूर्ण यात्रा पर जाने वाले हैं। यात्रा का उद्देश्य भारत के कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करना है। इस दौरान व्यापारिक समझौते और राजनीतिक सहयोग पर विशेष जोर दिया जाएगा। यात्रा का पहला चरण 23-24 जुलाई को ब्रिटेन का होगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। यह ऐतिहासिक समझौता भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात को प्रभावित करेगा, क्योंकि इससे टैरिफ में भारी कटौती होगी। साथ ही, ब्रिटेन से भारत को व्हिस्की और कारों जैसे उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। यह समझौता तीन वर्षों की गहन वार्ताओं के बाद संभव हुआ है, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच बाजार तक बेहतर पहुंच और अनुकूल व्यापारिक माहौल तैयार करना है। दरअसल, ऐसे समय में जब टैरिफ को लेकर अमेरिका और खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार धमकाने में लगे हुए हैं, पीएम मोदी की इस ब्रिटेन यात्रा की अहमियत काफी बढ़ जाती है।
पीएम मोदी का यह ब्रिटेन दौरा उस समय होने वाला है, जब ट्रंप का पिच्छलग्गू बनते हुए नाटो चीफ मार्क रुटे ने भी रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत को धमकाने और 100 प्रतिशत द्वितीय प्रतिबंधों की चेतावनी दी है। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नाटो प्रमुख को अच्छे से समझा दिया है कि भारत को अपनी प्राथमिकता पता है। वह पहले अपनी जरूरतों पर ही ध्यान देगा। इस वजह से अगर ऐसे समय में प्रधामंत्री ब्रिटेन जा रहे हैं तो यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अमेरिका का भी पुराना सहयोगी है और नाटो का भी एक अहम किरदार है।
यूके से प्रधानमंत्री मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव जाएंगे। वहां वह राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। मालदीव में उनका दौरा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेगा। भारत और मालदीव के बीच दोस्ती हमेशा से मजबूत रही है। यह दौरा इस दोस्ती को और भी गहरा करेगा। प्मोदी का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इससे न केवल व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ेगा। प्रधानमंत्री का मालदीव जाना, चीन की वजह से बहुत ही खास है। पिछले कुछ समय में चीन ने भारत के इस सबसे करीबी पड़ोसी पर संदिग्ध नजर डालने की कोशिश की थी। ऐसे में पीएम मोदी का खुद वहांके राष्ट्रीय दिवस पर मौजूद रहना, ड्रैगन को भी सीधा संदेश हो सकता है।
पीएम मोदी की मौजूदगी से भारत-मालदीव संबंधों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। यह यात्रा पुराने विवादों को पीछे छोड़कर सहयोग और सौहार्द के नए रास्ते खोलने का अवसर बन सकती है। प्रधानमंत्री मोदी पिछली बार जून 2019 में मालदीव गए थे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अक्टूबर 2024 में भारत की यात्रा की थी और संबंधों को सुधारने व आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने में रुचि दिखाई थी।