संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) का शिखर सम्मेलन सितंबर-2025 में न्यूयॉर्क में आयोजित होने जा रहा है। इस मंच पर दुनिया के शीर्ष नेता एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय एजेंडा तय करेंगे। वहीं दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी इस बार अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
By: Arvind Mishra
Aug 13, 202511 hours ago
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) का शिखर सम्मेलन सितंबर-2025 में न्यूयॉर्क में आयोजित होने जा रहा है। इस मंच पर दुनिया के शीर्ष नेता एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय एजेंडा तय करेंगे। वहीं दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी इस बार अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात न केवल भारत-अमेरिका संबंधों में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है, बल्कि व्यापार, टैरिफ और भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। अगर यह बैठक होती है तो यह दोनों नेताओं के बीच सात महीने में दूसरी मुलाकात होगी। पिछली बार फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस का दौरा किया था। दरअसल, भारत-अमेरिका रिश्तों में हाल के तनाव के बीच यह संभावित मुलाकात अहम मानी जा रही है। पीएम मोदी अन्य वैश्विक नेताओं से भी उच्च-स्तरीय बैठकें करेंगे, जिनमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी शामिल हो सकते हैं। शिखर सम्मेलन सितंबर में होगा और विश्व नेता 23 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में पहुंचने लगेंगे। ट्रंप चाहते हैं कि पीएम मोदी आएं और उनसे मिलें, इसलिए प्रधानमंत्री दोहरे मकसद से न्यूयॉर्क की यात्रा पर जा सकते हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति ट्रंप को दवअऊ शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण देंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो शिखर सम्मेलन अक्टूबर में हो सकता है।
अगर मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात हो जाती है, तो यह दोनों नेताओं की सात महीनों में दूसरी बैठक होगी। ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंध मजबूत हुए थे, लेकिन दूसरे कार्यकाल में टैरिफ को लेकर ट्रंप के कड़े रुख ने रिश्तों में खटास ला दी है, बावजूद इसके कि ट्रंप कई बार प्रधानमंत्री मोदी को दोस्त कह चुके हैं।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में सबसे बड़ी अड़चन कृषि और डेयरी सेक्टर को अमेरिकी बाजार के लिए खोलने को लेकर भारत राजी नहीं है। इसी बीच, ट्रंप ने 25 फीसदी टैरिफ लगाने के साथ-साथ रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ का भी ऐलान कर दिया, जिससे टोटल टैरिफ 50 प्रश्तिा हो गई है। इनमें से 25 फीसदी टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुके हैं, जबकि बाकी 27 अगस्त से लागू होंगे। इस डेडलाइन से पहले दोनों देश व्यापार समझौते पर तेजी से बातचीत कर रहे हैं।
रूसी तेल की खरीद एक और बड़ा विवाद का विषय है। व्हाइट हाउस का कहना है कि यह खरीद रूस को यूक्रेन युद्ध जारी रखने में मदद दे रही है। ट्रंप भारत पर दबाव डाल रहे हैं कि तेल आयात कम करे, ताकि रूस पर आर्थिक असर पड़े। भारत ने अमेरिकी आलोचना को खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम, केमिकल्स और फर्टिलाइजर खरीदता है, जिसपर भारत ने भी आपत्ति जाहिर की है। भारत अब 15 अगस्त को ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की होने वाली बैठक पर नजर टिकाए हुआ है, जिसमें दोनों नेता तीन साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने पर चर्चा करेंगे।