भारत ने एक बार पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में जमकर लताड़ लगाई है। यूएन सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने अमन और शांति का जिक्र करते हुए जम्मू कश्मीर पर दावा ठोकने की कोशिश की। मगर, हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी।
By: Arvind Mishra
Dec 16, 202510:36 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
भारत ने एक बार पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में जमकर लताड़ लगाई है। यूएन सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने अमन और शांति का जिक्र करते हुए जम्मू कश्मीर पर दावा ठोकने की कोशिश की। मगर, हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरीश परवथानेनी ने दो टूक शब्दों में कहा- पाकिस्तान कान खोलकर सुन ले... जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं। वो पहले भी भारत का हिस्सा थे और हमेशा रहेंगे। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में न सिर्फ सिंधु जल संधि को समाप्त करने का कारण स्पष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र भी बताया है।
सिंधु जल संधि पर कर दी बोलती बंद
संयुक्त राष्ट्र में हरीश ने कहा-भारत पिछले 65 साल से मित्रता और सद्भाना के कारण सिंधु जल संधि का पालन कर रहा था। मगर इस बीच पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करवाए और संधि की भावना का उल्लंघन कर दिया। हरीश ने पाक की कायराना हरकत का जवाब देते हुए कहा-पाकिस्तान के द्वारा शय दिए गए आतंकवादी हमलों में हजारों भारतीयों की जान जा चुकी है। इसी साल अप्रैल में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में भी आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 1 विदेशी नागरिक समेत 26 लोग मारे गए थे।
आतंकवाद पर वैश्विक केंद्र पाकिस्तान
सिंधु जल संधि पर बात करते हुए भारत ने कहा-भारत ने आतंकवाद के वैश्विक केंद्र पाकिस्तान के साथ यह संधि स्थगित करने की घोषणा की है। जब तक पाकिस्तान की मिट्टी में पनप रहा आतंकवाद पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी।
27वें संविधान संशोधन पर सवाल
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा-पाकिस्तान ने पूर्व पीएम इमरान खान को जेल में डाल दिया। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर प्रतिबंध लगा दिया गया और 27वें संविधान संशोधन से सेना प्रमुख आसीम मुनीर को आजीवन प्रतिरक्षा दे दी गई, जो एक तरह का संवैधानिक तख्तापलट है।