भारत ने बीते दो मई से पाकिस्तानी माल ढोने वाले जहाजों के अपने बंदरगाहों पर रुकने पर रोक लगा दी है। इसका असर पाकिस्तान पर अब साफ तौर पर दिख रहा है।
By: Sandeep malviya
Jun 29, 20255 hours ago
इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव का असर पड़ोसी मुल्क पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। कारण है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी माल ले जाने वाले जहाजों को अपने बंदरगाहों पर रुकने से रोक दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो भारत की तरफ से उठाए गए इस कदम के चलते पाकिस्तान का न केवल माल ढुलाई (फ्रेट) शुल्क बढ़ गया है, बल्कि सामान पहुंचने में भी 30 से 50 दिन तक की देरी हो रही है।
बता दें कि यह प्रतिबंध भारत ने 2 मई 2025 से लगाया था, जो पाहलगाम आतंकी हमले के बाद सामने आया। इसके तहत पाकिस्तान से आने वाले या वहां से होकर गुजरने वाले किसी भी सामान के भारत में सीधे या परोक्ष रूप से आने पर रोक लगा दी गई है।
पाकिस्तान नहीं जा रहे है मालवाहक जहाज
भारत सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान में बड़े मालवाहक जहाज नहीं जा रहे हैं। इस बात की जानकारी कराची चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष जावेद बिलवानी ने पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि बड़े मालवाहक जहाज की एंट्री बंद होने के बाद हमें छोटे जहाजों (फीडर वेसल्स) पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे लागत बढ़ रही है और सामान पहुंचने में काफी देरी हो रही है।
निर्यात पर असर कम, लेकिन लागत बढ़ी
हालांकि दूसरी ओर कुछ निर्यातकों ने कहा है कि भारत के प्रतिबंध का सीधा असर निर्यात पर नहीं पड़ा है, लेकिन बीमा और शिपिंग लागत में इजाफा जरूर हुआ है। टेक्सटाइल निर्यातक आमिर अजीज ने बताया कि निर्यात में खास गिरावट नहीं आई है, लेकिन बीमा और शिपिंग की लागत जरूर बढ़ी है।
पाकिस्तान के आयात पर गंभीर असर
गौरतलब है कि पाकिस्तान के निर्यात बड़े पैमाने पर आयातित कच्चे माल पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर आयात प्रभावित होता है तो उसका असर पूरी सप्लाई चेन और अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। गौर करने वाली बात ये है कि पहले से ही पाकिस्तान विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है और आयात पर नियंत्रण लगाए हुए है।