इस मामले में गिरफ्तार किए गए चारों लोगों ने पाकिस्तान के बाहर बैठे अपने हैंडलर के आदेश पर हत्या करने की बात कबूल कर ली है। पुलिस अधिकारियों ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, 'गिरफ्तार किए गए संदिग्ध पढ़े-लिखे लोग हैं, और उनका सरगना पड़ोसी देश में रहता है।'
By: Sandeep malviya
Oct 28, 20255:52 PM
इस्लामाबाद। पाकिस्तान कट्टरपंथ की चपेट में इस कदर आ चुका है कि वहां अब जनभावना के विपरीत बात करना भी जानलेवा हो गया है। पाकिस्तान में एक पत्रकार को इस्राइल के समर्थन में बात करने के लिए ही जान से हाथ धोना पड़ गया। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के गृह मंत्री ने खुलासा करते हुए बताया कि, बीते हफ्ते कराची में हुई एक पत्रकार की हत्या एक चरमपंथी इस्लामी ग्रुप के सदस्यों ने कर थी, क्योंकि उसने अपने टेलीविजन चैनल पर इस्राइल के समर्थन में टिप्पणी कर दी थी।
चार आरोपी गिरफ्तार
सिंध प्रांत के गृह मंत्री जियाउल हसन ने दावा किया कि पत्रकार और एंकर इम्तियाज मीर की हत्या के आरोप में चार संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इम्तियाज मीर को 21 सितंबर को कराची के मलिर इलाके में उनके आॅफिस से निकलते समय गोली मार दी गई थी। गृह मंत्री ने कहा कि मारे गए पत्रकार को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि हत्यारे उसे इस्राइल का कथित हमदर्द मानते थे और उसकी कथित इस्राइल समर्थक टिप्पणियों से नाराज थे। इसी के चलते पत्रकार की हत्या कर दी गई।
विदेश में बैठे हैंडलर ने दी सुपारी
सिंध पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल गुलाम नबी मेमन और शहर के पुलिस प्रमुख जावेद आलम ने मीडिया को बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए चारों लोगों ने पाकिस्तान के बाहर बैठे अपने हैंडलर के आदेश पर हत्या करने की बात कबूल कर ली है। पुलिस अधिकारियों ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, 'गिरफ्तार किए गए संदिग्ध पढ़े-लिखे लोग हैं, और उनका सरगना पड़ोसी देश में रहता है।' संदिग्धों की पहचान अजलाल जैदी, शाहब असगर, अहसान अब्बास और फराज अहमद के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि ये चारों 'लश्कर सरुल्लाह' नामक चरमपंथी संगठन से जुड़े हैं, जो प्रतिबंधित जैनबियान ब्रिगेड का हिस्सा है। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान दो केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने कराची पुलिस के साथ मिलकर काम किया था।