सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों को लेकर एक याचिका की जल्द सुनवाई की अपील की गई। यह याचिका कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) ने 2024 में दायर की थी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी गई। याचिका को लेकर सीजेआई ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही एक बेंच ने फैसला सुनाया है।
By: Arvind Mishra
Aug 13, 20258 hours ago
सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों को लेकर एक याचिका की जल्द सुनवाई की अपील की गई। यह याचिका कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) ने 2024 में दायर की थी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी गई। याचिका को लेकर सीजेआई ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही एक बेंच ने फैसला सुनाया है। दरअसल, आवारा कुत्तों से जुड़े एक मामले को बुधवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया। उक्त याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियमों के अनुसार दिल्ली में आवारा कुत्तों के नसबंदी और टीकाकरण के निर्देश देने की मांग वाली उनकी जनहित याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया गया था। आज जब यह याचिका सामने लाई गई तो कोर्ट ने कहा कि वह इस पर विचार करेगी।
जब वकील ने इस केस का जिक्र किया तो मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि एक अन्य पीठ पहले ही आवारा कुत्तों के संबंध में एक आदेश पारित कर चुकी है। वे न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर से 11 अगस्त को दिल्ली में आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के आदेश का जिक्र कर रहे थे।
वकील ने न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ की ओर से पारित आदेश का का जिक्र किया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि हम बस इतना ही कहना चाहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं की जा सकती। अधिकारियों को मौजूदा कानूनों और भावना के अनुसार कार्रवाई करनी होगी। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सभी जीवों के प्रति करुणा प्रदर्शित करना संवैधानिक मूल्य और जनभावना है। इसे बनाए रखना अधिकारियों का दायित्व है। वकील की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश गवई ने जवाब दिया-मैं इस पर गौर करूंगा।
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम ले जाने के आदेश के बाद छिड़ी बहस के बीच नई जानकारी समाने आई है। केंद्र सरकार ने आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ने घटनाओं पर चिंता जताई है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने ऐसे पशुओं पर नियंत्रण के लिए मास्टर एक्शन प्लान बनाया है। तीनों मंत्रालयों ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी भेजी है। इसमें कहा गया है कि देश में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं। इनमें 70 फीसदी का वैक्सीनेशन और नसबंदी एक साल में करने का टारगेट रखा गया है। इस अभियान में पहली बार ग्राम पंचायतें भी जुड़ेंगी। अभियान के लिए राज्यों को एनिमल वेलफेयर बोर्ड की मदद लेने को कहा गया है।
आवारा कुत्तों को ग्रीन कॉलर टैग पहनाया जाएगा। इस पर उसके वैक्सीनेशन और स्टरलाइजेशन की जानकारी होगी। इसकी सूचना पशुधन पोर्टल पर भी दर्ज करनी होगी। बेसहारा पशुओं के स्टरलाइजेशन के बाद उनके कान में हरे रंग का टैग लगाया जाए। इससे नगर निकाय के कर्मचारियों को पता चलेगा कि किस पशु को पकड़ना है और किसे नहीं।