जिला पंचायत सीईओ ईला तिवारी से कहा कि अफसरों ने मंदिर को ही अवैध बता दिया है, जबकि दुकान के पास ही मंदिर भी है। लोगों ने अब तक कार्रवाई नहीं होने की वजह भी पूछी।
By: Gulab rohit
Oct 14, 202529 minutes ago
भोपाल। भोपाल के अरेरा कॉलोनी में शराब दुकान के विरोध में मंगलवार को कई लोग जनसुनवाई में पहुंच गए। जिला पंचायत सीईओ ईला तिवारी से कहा कि अफसरों ने मंदिर को ही अवैध बता दिया है, जबकि दुकान के पास ही मंदिर भी है। लोगों ने अब तक कार्रवाई नहीं होने की वजह भी पूछी।
कांग्रेस नेता और अरेरा कॉलोनी निवासी विवेक त्रिपाठी ने शिकायत की। त्रिपाठी ने बताया कि अरेरा कॉलोनी में जिस जगह पर शराब दुकान संचालित हो रही है, वह पूरी तरह से आवासीय उपयोग के लिए है, लेकिन वर्तमान में इसका कमर्शियल तरीके से उपयोग हो रहा है, जो पूरी तरह मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 एवं नगर निगम अधिनियम 1956 का उल्लंघन है।
40 मीटर दूर ही है आर्य समाज मंदिर
रहवासी त्रिपाठी ने बताया, स्थानीय लोग लगातार 7 माह से जिला प्रशासन, नगर निगम, आबकारी विभाग और मानव अधिकार आयोग तक शिकायतें दर्ज कर चुके हैं। बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया, यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट में शराब दुकान के 40 मीटर की दूरी पर स्थित आर्य समाज मंदिर को मंदिर मानने से ही इनकार कर दिया। आखिर ऐसा क्यों किया गया? किसके दबाव में रिपोर्ट को प्रभावित किया गया और कार्रवाई रोकी गई?
उन्होंने कहा कि शराब दुकान के कारण क्षेत्र की शांति, सामाजिक वातावरण और सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा है। प्रतिदिन वहां पर भीड़, वाहनों की आवाजाही, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा और शोर-शराबे की स्थिति बनी रहती है। जिससे महिलाओं और बच्चों के लिए आवागमन तक कठिन हो गया है।
त्रिपाठी ने कहा कि आवासीय भूखंड पर शराब दुकान चलाना न केवल अवैध है, बल्कि यह भोपाल नगर निगम के मानचित्र और भूमि उपयोग नीति के भी पूरी तरह विपरीत है।
कलेक्टर से यह मांग की गई
भूखंड ए-4/21 पर संचालित शराब दुकान को तत्काल बंद किया जाए।
संबंधित शराब दुकान संचालक एवं अनुमोदन देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
आवासीय क्षेत्रों में इस तरह की अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक के लिए स्थायी नीति बनाई जाए।
जनसुनवाई में 168 आवेदन पहुंचे
मंगलवार को कलेक्टोरेट में हुई जनसुनवाई में कुल 168 शिकायती आवेदन पहुंचे। एडीएम अंकुर मेश्राम एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।