मुंबई और महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुंबई, ठाणे, पालघर और नवी मुंबई के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव के कारण स्थिति खराब है। ठाणे और पालघर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।
By: Arvind Mishra
मुंबई और महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुंबई, ठाणे, पालघर और नवी मुंबई के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव के कारण स्थिति खराब है। ठाणे और पालघर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इसके चलते स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित की गई है। वहीं, नांदेड़ जिले में 200 से अधिक लोग फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए सेना को बुलाना पड़ा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुष्टि की कि अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में चौथे दिन मंगलवार को भी तेज बारिश का दौर जारी रहा। राज्य में कई जिले तेज बारिश से परेशान हैं। यहां फ्लाइट देरी से उड़ रही हैं। सड़कों पर 2-4 फीट तक पानी भरा है। मुंबई में अंधेरी सब-वे भी पानी भरने के कारण बंद है। मुंबई और आसपास के इलाकों में 100 से 170 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है।
हरियाणा के हथिनी बैराज के सभी 18 गेट खोले गए। इसके कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205 मीटर के निशान के ऊपर है। दिल्ली में आज भी तेज बारिश का अलर्ट है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में सोमवार रात 1 बजे बादल फटा। तेज बहाव में 3 दुकानें बह गईं। सैलाब के कारण कुल्लू बाजार की एक सड़क भी बह गई। वहीं, मंडी जिले में भी सोमवार रात तेज बारिश से नुकसान हुआ है।
पंजाब के कुछ इलाकों में हल्की बारिश का अनुमान है। बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। 23 अगस्त से तेज बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि, राज्य के 7 राज्य बाढ़ से जूझ रहे हैं। पौंग डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला है, जिस कारण डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पार है। शुक्लागंज में वाटर लेवल 113.12 मीटर दर्ज किया गया। गंगा बैराज पर जलस्तर 114.75 मीटर पहुंचा।वहीं, गंगा किनारे के 10 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। यहां खेत डूबे हैं। तीन गांवों में बाढ़ का पानी भरा है। लोग छत पर रहकर गुजारा कर रहे हैं। गंगा बैराज से 4 लाख 21 हजार 854 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा चुका है।
बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से अगस्त महीने के आखिरी दिनों में पूरा मध्यप्रदेश भीगेगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में ज्यादा असर देखने को मिलेगा। यहां 21 अगस्त से बहुत तेज बारिश का अलर्ट है। इससे पहले भी बारिश का दौर चल रहा है। 9 जिलों में बहुत तेज बारिश का अलर्ट है।