शादी के पवित्र बंधन को झकझोर देने वाले राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद राजा और सोनम की कुंडली के मिलान को लेकर बहस छिड़ गई है। दोनों मंगली थे। फिर कुंडली में ऐसा क्या था, जिसे ज्योतिष नहीं पकड पाये और इस विवाह की परिणीति एक जघन्यतम अपराध के रूप में सामने आई।
By: Star News
Jun 10, 20258:35 PM
ज्योतिषियों में छिड़ी बहस.. कहा, एक नहीं तीन ज्योतिषियों की लेना चाहिए राय
भोपाल.स्टार समाचार वेब
शादी के पवित्र बंधन को झकझोर देने वाले राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद राजा और सोनम की कुंडली के मिलान को लेकर बहस छिड़ गई है। दोनों मंगली थे। फिर कुंडली में ऐसा क्या था, जिसे ज्योतिष नहीं पकड पाये और इस विवाह की परिणीति एक जघन्यतम अपराध के रूप में सामने आई।
उज्जैन के प्रख्यात ज्योतिषविद पण्डित मनीष शर्मा के अनुसार कुंडली देखते समय केवल मंगली के अलावा अन्य ग्रहों का भी ध्यान रखना चाहिए, जो कि राजा और सोनम की कुंडली में नजर अंदाज किया गया। पंडित शर्मा ने बताया कि दोनों की कुंडलियों का मिलान करने पर मात्र 10.5 गुण मिल रहे हैं, जो सामान्यतः विवाह के लिए पर्याप्त नहीं माने जाते। ऐसे में कैसे विवाह के लिए रजामंदी हो गई, यह समझ से परे है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा ने कहना है, मेरे सामने कुंडली होती तो विवाह की राय नहीं देता। मंगलीय कुंडली होने पर विवाह में बेहद सावधानी की जरूरत होती है।
कुंडली के अनुसार इंदौर की सोनम का जन्म 20 अगस्त 2000, शाम 6:05 बजे और राजा रघुवंशी का जन्म 20 नवंबर 1995 को शाम 7.30 बजे हुआ था, विवाह को लेकर ज्योतिषीय स्तर पर चिंताएँ सामने आ रही हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सोनम की कुंडली में सप्तम भाव में मंगली दोष है। इसके अलावा, उनकी कुंडली में मंगल नीच का होकर राहु के साथ बैठा है, जिससे अंगारक योग का निर्माण हो रहा है। ये स्थितियाँ वैवाहिक जीवन में चुनौतियाँ पैदा कर सकती हैं। राजा की कुण्डली में भी मंगल सप्तम भाव में है। राजा पर शनि की और राहु की महादशा भी थी। ये ग्रह स्थितियाँ भी उनके लिए वर्तमान में अनुकूल नहीं मानी जातीं।
जल्दबाजी में निर्णय न लें
ज्योतिष पंडित मनीष शर्मा ने इस कुंडली मिलान पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस तरह की ग्रह स्थितियों वाली कुंडलियों के जातकों का मिलान कम से कम तीन अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से कराना अनिवार्य है। उन्होंने सलाह दी है कि जल्दबाजी में कोई निर्णय लेने से पहले सभी ज्योतिषीय पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।