राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल 'ओरेशनिक' का उत्पादन शुरू कर दिया है और इस साल के अंत तक इसे बेलारूस में तैनात किया जाएगा।
By: Sandeep malviya
Aug 01, 20257 hours ago
मॉस्को। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल 'ओरेशनिक' का उत्पादन शुरू कर दिया है और इस साल के अंत तक इसे बेलारूस में तैनात किया जाएगा। यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों वॉरहेड ले जाने में सक्षम है और पूरे यूरोप को निशाना बना सकती है। राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर नाटो देश यूक्रेन को रूस के भीतर हमला करने में मदद करते हैं, तो रूस इस मिसाइल का उपयोग उनके खिलाफ कर सकता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल 'ओरेशनिक' का उत्पादन शुरू कर दिया है और इस साल के अंत तक इसे सहयोगी देश बेलारूस में तैनात किया जाएगा। पुतिन ने यह बात उस समय कही, जब वह सेंट पीटर्सबर्ग के पास वलाम द्वीप पर बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ बैठे हुए थे।
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि रूसी सेना ने पहले ही ओरेशनिक मिसाइलों की तैनाती के लिए बेलारूस में जगह तय कर ली है। उन्होंने कहा, अभी तैयारी चल रही है और शायद यह काम साल के खत्म होने से पहले पूरा हो जाएगा। पुतिन ने यह भी कहा कि ओरेशनिक मिसाइलों की पहली खेप तैयार कर ली गई है और उन्हें अब सेना में शामिल किया जा चुका है।
रूस ने इस मिसाइल का इस्तेमाल पहली बार नवंबर में यूक्रेन के खिलाफ किया था। इसे यूक्रेन के शहर निप्रो में एक मिसाइल फैक्ट्री पर दागा गया था। यह फैक्ट्री सोवियत संघ के समय से मिसाइल बनाती थी। पुतिन ने ओरेशनिक की क्षमताओं की तारीफ करते हुए कहा कि इसके कई वॉरहेड्स को रोकना असंभव है, क्योंकि वे एक साथ अत्यधिक तेज गति से गिरते हैं। उन्होंने कहा कि यदि एक साथ कई मिसाइलें दागी जाएं, तो ये पारंपरिक हमले भी परमाणु हमले जैसे विनाशकारी हो सकते हैं।
पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी कि अगर नाटो के सदस्य देश यूक्रेन को रूस के भीतर हमला करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलें देते हैं, तो रूस इस मिसाइल का उपयोग उनके खिलाफ कर सकता है। रूसी सेना के मिसाइलों को नियंत्रित करने वाले विभाग के प्रमुख ने कहा है कि ओरेशनिक मिसाइल पारंपरिक और परमाणु वॉरहेड दोनों ले जाने में सक्षम है और इसकी रेंज इतनी है कि यह पूरे यूरोप को निशाना बना सकती है। इस तरह की मिसाइलें 500 से 5,500 किलोमीटर तक की दूरी तक पहुंच सकती हैं। इन पर पहले एक संधि के तहत प्रतिबंध था, लेकिन अमेरिका और रूस ने 2019 में यह संधि खत्म कर दी थी।