रिपोर्ट में कहा गया कि प्राकृतिक गैस की खपत 2023-24 में 18.7 करोड़ मानक घनमीटर प्रति दिन से बढ़कर 2030 तक 29.7 करोड़ मानक घन मीटर प्रति दिन पर पहुंचने का अनुमान है।
By: Prafull tiwari
Jun 11, 20259:49 PM
नयी दिल्ली। भारत में नेचुरल गैस की खपत 2030 तक करीब 60 प्रतिशत बढ़ेगी और 2040 तक यह दोगुनी से अधिक हो जाएगी। यह खुलासा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट की मानें तो इसकी बड़ी वजह वाहनों, खाना पकाने और औद्योगिक उद्देश्यों में प्राकृतिक गैस का ईंधन के उपयोग बढ़ना है।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्राकृतिक गैस की खपत 2023-24 में 18.7 करोड़ मानक घनमीटर प्रति दिन से बढ़कर 2030 तक 29.7 करोड़ मानक घन मीटर प्रति दिन पर पहुंचने का अनुमान है। इसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक उत्पादन या मोटर वाहन के लिए सीएनजी में परिर्वितत करने और खाना पकाने के लिए पाइप वाली रसोई गैस (पीएनजी) के लिए होता है।
‘गुड-टू-गो’ परिदृश्य में मौजूदा रुझानों और प्रतिबद्धताओं के आधार पर मध्यम वृद्धि और विकास की बात कही गई है। इसी परिदृश्य के तहत 2040 तक प्राकृतिक गैस की खपत बढक़र 49.6 करोड़ मानक घन मीटर प्रति दिन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। ‘गुड-टू-बेस्ट’ परिदृश्य के अंतर्गत 2030 तक खपत 36.5 करोड़ मानक घन मीटर प्रति दिन और 2040 तक 63 करोड़ मानक घन मीटर प्रति दिन तक बढ़ सकती है। ‘गुड-टू-गो’ परिदृश्य नरम वृद्धि की बात करता है जबकि ‘गुड-टू-बेस्ट’ में तेज वृद्धि को ध्यान में रखा जाता है।
इसमें कहा गया, भारत की ऊर्जा मांग में वृद्धि जारी रहने के आसार हैं। प्राकृतिक गैस अन्य जीवाश्म ईंधनों की तुलना में सुविधाजनक, स्वच्छ एवं सस्ता (विकल्प) है। इसलिए इसकी मांग में वृद्धि होने के आसार हैं। दोनों परिदृश्यों में, शहरी गैस वितरण (जिसमें मोटर वाहन को सीएनजी बेचना और घरेलू रसोई एवं उद्योगों तक ईंधन पहुंचाना शामिल है) से मुख्य मांग 2030 तक 11 करोड़ मानक घन मीटर प्रति दिन तक पहुंचने का अनुमान है।