मध्यप्रदेश विधानसभा ने अपने स्थापना के 69 साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर आज यानी बुधवार को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया गया। कार्यवाही से पहले विधानसभा की सात दशक की यात्रा और सरकार के कार्यों पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
By: Arvind Mishra
Dec 17, 202511:49 AM

भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश विधानसभा ने अपने स्थापना के 69 साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर आज यानी बुधवार को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया गया। कार्यवाही से पहले विधानसभा की सात दशक की यात्रा और सरकार के कार्यों पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने किया। यह प्रदर्शनी विधानसभा की ऐतिहासिक यात्रा, महत्वपूर्ण उपलब्धियों और विभिन्न कालखंडों के संसदीय कार्यों को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करती है। प्रदर्शनी में प्रथम विधानसभा से लेकर वर्तमान 16वीं विधानसभा तक के अहम क्षणों को दर्शाया गया है। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा-1956 में बनी विधानसभा और इसकी सभी स्मृतियां इस विशेष सत्र के माध्यम से जीवंत हो रही हैं। लोकतंत्र की खूबसूरती विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान में है। चाहे वह किसी का आलोचनात्मक हो या हमारे पक्ष की बातें, सदन में उन्हें विस्तारित रूप से प्रस्तुत किया जाता है। सकारात्मक भाव से यह विशेष सत्र रखा गया, इसमें 2047 का प्लान लघु रूपी दिखाई देगा।
अर्जुन सिंह ने नवोदय विद्यालय का सफल मॉडल दिया
मुख्यमंत्री ने कहा-दो दिन पहले ही मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने का स्वरूप तय किया गया है। इंदौर और भोपाल को अलार्म में लिया गया है, और 2026 में जबलपुर और ग्वालियर को भी मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। गांवों में विकास कार्य किए जाएंगे और वृंदावन गांव बनाने की योजना है। शिक्षा नीति लागू करने में मध्य प्रदेश अग्रणी रहा है। सांदीपनि आश्रम पूरे देश में अनोखा मॉडल है। अर्जुन सिंह ने नवोदय विद्यालय का सफल मॉडल दिया और उज्जैन में आश्रम खोला। विश्वविद्यालयों में अंग्रेजों की परंपरा को खत्म करते हुए कुलगुरु का नाम दिया गया।
मध्यप्रदेश में नक्सलियों को दिया अंतिम सलाम
सीएम ने सदन में चर्चा के दौरान जिक्र किया कि 11 दिसंबर को नक्सलियों को अंतिम सलाम दिया गया। 1999 में कांग्रेस सरकार के एक मंत्री को सरेराह चौराहे पर नक्सलियों ने हत्या की थी। भारतीय मुजाहिदीन और आईएसआईएस से जुड़े नेटवर्क को उदाहरण के तौर पर धराशाई किया गया। यह विशेष सत्र हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। बाबा महाकाल की नगरी से मिली प्रेरणा पूरे राज्य में फैली है। उन्होंने कहा कि हम सब ने मिलकर दूरगामी निर्णय लिए हैं, जो आज भले ही छोटे लगें, लेकिन भविष्य में माइलस्टोन बनेंगे और जनता के जीवन में बदलाव लाएंगे, उनके कष्ट कम करेंगे। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने का संकल्प लिया गया है और एमपी में परिवर्तन का नया दौर शुरू होगा।
शिवराज ने मप्र को दी सबसे ज्यादा योजनाएं
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सभी मुख्यमंत्री और उनके कामों के बारे में जानकारी देते हुए सदन को उनकी खूबियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा-पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जितनी योजनाएं मध्यप्रदेश को दी हैं, उतनी किसी ने नहीं दी। दूसरे राज्य आज भी उनकी नकल कर रहे हैं। विजयवर्गीय ने कहा- कमलनाथ ने भी कम समय में प्रदेश के विकास के लिए अच्छे काम किया। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना को पूरा करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और बाबूलाल गौर की जोड़ी प्रसिद्ध थी। बाबूलाल गौर ने पूरे प्रदेश में अतिक्रमण हटाने का काम किया, उन्हें बुलडोजर मंत्री कहा जाने लगा। विजयवर्गीय ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की भी सराहना करते हुए कहा कि वे राजनीतिक रूप से सहृदय व्यक्ति हैं।
विस को अब तक मिले 19 अध्यक्ष
अब तक मध्य प्रदेश में 16 विधानसभा गठित हो चुकी हैं। वर्तमान में 16वीं विधानसभा कार्यरत है। प्रदेश के विकास, जनकल्याण और नीतिगत निर्णयों में विधानसभा एवं जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका रही है। अब तक 19 विधानसभा अध्यक्ष इस गरिमामयी पद पर आसीन रह चुके हैं।
लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव

राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा के तहत 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया था। इसके बाद 17 दिसंबर 1956 से 17 जनवरी 1957 तक मध्य प्रदेश विधानसभा का पहला सत्र आयोजित हुआ, जिसने प्रदेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव रखी और विधायी परंपराओं की शुरुआत की।
विकसित मध्य प्रदेश का लक्ष्य
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर कहा- आज 17 दिसंबर प्रदेश के विधायी इतिहास का महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन 1956 में विधानसभा की पहली बैठक हुई थी। विशेष सत्र में भाजपा और कांग्रेस के सदस्य प्रदेश के विकास को लेकर अपने विचार रखेंगे। प्रदेश ने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन विकसित मध्य प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त करना सभी जनप्रतिनिधियों और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।






कांग्रेस विधायकों ने की नारेबाजी
इधर, विशेष सत्र के दौरान मनरेगा योजना का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में जमकर नारेबाजी की। गांधी प्रतिमा के सामने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- एक तरफ मोदी गांधी के चरखे चलाने की बात करते हैं। दूसरी तरफ महात्मा गांधी के नाम पर जो मनरेगा योजना थी, उस योजना में पैसा डालना बंद कर दिया। अब योजना का नाम बदलना चाहते हैं।

कल से आम नागरिकों के लिए प्रदर्शनी
विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रदर्शनी में कुल 136 चित्र लगाए गए हैं, जो विधानसभा के विकासक्रम को रेखांकित करते हैं। यह प्रदर्शनी 18 से 25 दिसंबर तक आम नागरिकों के लिए खुली रहेगी। कोई भी नागरिक विधानसभा परिसर में प्रवेश पत्र बनवाकर इस प्रदर्शनी को देख सकेगा। एंट्री का पास बनवाने के लिए आधार कार्ड, स्कूल या कॉलेज का परिचय पत्र लाना जरूरी होगा।