आवारा कुत्तों के केस में राज्यों की तरफ से हलफनामा दाखिल नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन नवंबर को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया है। इस दौरान पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को कोर्ट में उपस्थित नहीं होना होगा।
By: Arvind Mishra
Oct 27, 202511:30 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
आवारा कुत्तों के केस में राज्यों की तरफ से हलफनामा दाखिल नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन नवंबर को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया है। इस दौरान पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को कोर्ट में उपस्थित नहीं होना होगा, क्योंकि दोनों राज्य हलफनामा दाखिल कर चुके हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों के मामले स्वत: संज्ञान वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को होने वाली सुनवाई में पेश होने का आदेश दिया। कोर्ट ने पाया कि आवारा कुत्तों की समस्या पर नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अधिकतर राज्यों ने अब तक हलफनामे नहीं दायर किए हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य सचिवों को पेशी का आदेश दिया। जस्टिस विक्रम नाथ ने फटकार लगाते हुए कहा कि लगातार कुत्तों के काटने की घटनाएं हो रही हैं, जिससे देश की छवि खराब हो रही है। आदेश सभी राज्यों को भेजा गया था और मीडिया में भी इसकी खबरें आईं, फिर भी पालन नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा कि केवल प. बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही अनुपालन हलफनामा पेश किया है। बाकी राज्यों ने अब तक यह बताने वाली रिपोर्ट दाखिल नहीं की है कि उन्होंने एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) नियमों के तहत क्या कदम उठाए हैं।
गौरतलब है कि अगस्त में कोर्ट ने सुनवाई का दायरा देशव्यापी करते हुए राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को नोटिस जारी किया था। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़कर स्टरलाइज और वैक्सिनेट करने और उन्हें उनके इलाके में वापस छोड़ने का आदेश दिया था।