अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के बाद लगातार विमान की तकनीकी खराबियों, आपात लैंडिंग और उड़ानों के रद्द को लेकर खबरें आते रही हैं। इससे एयर इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों के संचालन पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। बीते कुछ हफ्तों में लगातार तकनीकी खराबियों, आपात लैंडिंग और उड़ानों के रद्द होने की खबरों ने यात्रियों की चिंता बढ़ा दी है।
By: Arvind Mishra
Jul 24, 202511:53 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के बाद लगातार विमान की तकनीकी खराबियों, आपात लैंडिंग और उड़ानों के रद्द को लेकर खबरें आते रही हैं। इससे एयर इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों के संचालन पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। बीते कुछ हफ्तों में लगातार तकनीकी खराबियों, आपात लैंडिंग और उड़ानों के रद्द होने की खबरों ने यात्रियों की चिंता बढ़ा दी है। यही नहीं अब यात्री एयर इंडिया में सफर करने से कतराने लगे हैं। हालांकि हादसे के बाद नागर विमानन महानिदेशालय ने एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े की सघन जांच शुरू की है। समस्या सिर्फ एक एयरलाइन की नहीं है, बल्कि भारत के पूरे एविएशन सिस्टम रखरखाव, स्टाफिंग, प्रशिक्षण और एयर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। अहमदाबाद हादसे जैसी बड़ी त्रासदी के बाद भी सुधार की ठोस कोशिशें नजर नहीं आ रहीं, जिससे यात्रियों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है।
एयर इंडिया के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है अपने सिस्टम को दुरुस्त करना। रखरखाव से लेकर आॅपरेशन तक, हर मोर्चे पर सुधार की जरूरत है। टाटा समूह को न सिर्फ पैसा लगाना होगा, बल्कि मैनेजमेंट और तकनीकी स्तर पर भी बड़े बदलाव करने होंगे। यात्रियों का भरोसा जीतने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है। अगर एयर इंडिया जल्दी अपनी कमियों को नहीं सुधारती, तो यह टाटा की साख के लिए और बड़ा खतरा बन सकता है।
टाटा ग्रुप द्वारा 2022 में एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद कंपनी को सुधारने की बड़ी योजना बनाई गई थी। चार ब्रांड्स (एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयरएशिया इंडिया) को मिलाना, पुराने विमानों को बदलना और संचालन में पारदर्शिता लाना इसका हिस्सा था, लेकिन हादसे के बाद, एयरलाइन को अपने परिचालन में कटौती करनी पड़ी है। लंबी दूरी की उड़ानों में 15 प्रतिशत की कमी की घोषणा की जा चुकी है।
टाटा ग्रुप ने पहले भी कई कंपनियों जैसे जगुआर लैंड रोवर को संभाला है। लेकिन एविएशन क्षेत्र में भरोसा फिर से कायम करना एक लंबी प्रक्रिया होगी। यात्रियों की सुरक्षा, पारदर्शिता और नियमित उड़ानों का संचालन ही कंपनी की छवि सुधार सकता है। रद्द उड़ान और हर तकनीकी खराबी आए दिन अब सुर्खियों में रहती हैं। ऐसे में एयर इंडिया के लिए यह वक्त आत्ममंथन और सुधार करने का है। ताकि यात्रियों को भरोसा हो पाए।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट आईएक्स-110 रविवार को हैदराबाद से फुकेत जा रही थी। उड़ान भरने के महज 16 मिनट बाद तकनीकी कारणों से लौट आई। यह घटना हाल के हफ्तों में कई रिटर्न-टू-आॅरिजिन यानी उड़ान का वापस लौटना मामलों में से एक है।