By: Sandeep malviya
Jun 01, 202511:33 PM
लंदन। ब्रिटेन शीत युद्ध खत्म होने के बाद से रक्षा खर्च में सबसे बड़ी बढ़ोतरी करने जा रहा है, ताकि रूस को एक सख्त संदेश भेजा जा सके। यह बात ब्रिटिश रक्षा मंत्री जॉन हीली ने रविवार को कही। जॉन हीली ने कहा कि लेबर सरकार मौजूदा रक्षा खर्च योजनाएं दशकों की कटौतियों के बाद देश की सेना को पूरी तरह बदलने के लिए पर्याप्त होंगी। हालांकि उनका मानना है कि सैनिकों की संख्या 2030 की शुरूआत से पहले नहीं बढ़ेगी, जो इस समय ऐतिहासिक रूप से सबसे कम है।
उन्होंने कहा कि 2027 तक रक्षा खर्च को राष्ट्रीय आय के 2.5 फीसदी तक पहुंचाने की योजना तय रास्ते पर है। इससे हर साल करीब 13 अरब पाउंड (17 अरब डॉलर) अतिरिक्त खर्च होगा। उनका यह भी कहना है कि संसद के अगले कार्यकाल में (यानी 2030 के शुरूआत में) यह खर्च 3 फीसदी तक जरूर पहुंचेगा। सरकार सोमवार को एक अहम रक्षा समीक्षा पर अपना जवाब देगी। इस समीक्षा की देखरेख जॉन हीली कर रहे हैं और इसका नेतृत्व लॉर्ड जॉर्ज रॉबर्टसन कर रहे हैं, जो पहले नाटो के प्रमुख और ब्रिटेन के रक्षा मंत्री रह चुके हैं। यह 1990 के दशक की शुरूआत में सोवियत संघ के टूटने के बाद से अब तक की सबसे अहम समीक्षा मानी जा रही है। इसमें ब्रिटेन को सैन्य मोर्चे और साइबर क्षेत्र में उभरते नए खतरों से निपटने के लिए कई सिफारिशें दी जाएंगी। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमले के बाद अन्य नाटो देशों की तरह ब्रिटेन को भी अपने रक्षा खर्च पर गंभीरता से फोकस करने पर मजबूर होना पड़ा है।
हीली ने कहा, यह रूस के लिए एक संदेश है। यह दिखाता है कि ब्रिटेन पीछे नहीं हट रहा है। हम अपनी सेना को भी मजबूत कर रहे हैं और अपनी औद्योगिक क्षमता को भी। यह लड़ाई के लिए हमारी तैयारी का हिस्सा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी नाटो सदस्य देशों पर दबाव डाला है कि वे अपने रक्षा खर्च को बढ़ाएं। हाल के महीनों में ब्रिटेन और फ्रांस के नेतृत्व में यूरोपीय देशों ने अपनी रक्षा रणनीति को एकजुट करने की कोशिश की है, क्योंकि ट्रंप अमेरिकी विदेश नीति को बदलते दिख रहे हैं और यूक्रेन युद्ध खत्म करने के प्रयास में यूरोप की भूमिका को कम कर रहे हैं। ट्रंप लंबे समय से नाटो की उपयोगिता पर सवाल उठाते रहे हैं और यह शिकायत करते रहे हैं कि अमेरिका उन यूरोपीय देशों की सुरक्षा करता है जो अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाते। ब्रिटिश रक्षा हीली ने यह भी कहा कि रूस पिछले दो वर्षों में ब्रिटेन की रक्षा प्रणाली पर लगभग 90,000 साइबर हमले कर चुका है, जो राज्य-समर्थित स्रोतों से जुड़े हुए हैं। इन खतरों से निपटने के लिए एक साइबर कमान स्थापित किए जाने की योजना है, जो समीक्षा का हिस्सा होगी।